मेडिकल के विद्यार्थियों को राहत देने अब अध्यादेश ला रही सरकार 

Government will bring Ordinance to relief medical students
मेडिकल के विद्यार्थियों को राहत देने अब अध्यादेश ला रही सरकार 
मेडिकल के विद्यार्थियों को राहत देने अब अध्यादेश ला रही सरकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार मेडिकल और डेंटल के स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को राहत देने के लिए अध्यादेश लाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस शैक्षणिक वर्ष में मराठा समाज के 16 प्रतिशत आरक्षण को रद्द करने वाला बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ का फैसला को कामय रखा है। इससे मराठा आरक्षण के आधार पर दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का प्रवेश रद्द हो गया है। इसके मद्देनजर सरकार ने विद्यार्थियों के पुराने दाखिले को बरकरार रखने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी की है। बुधवार को मंत्रालय में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील की अध्यक्षता में मेडिकल के विद्यार्थियों के प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में बैठक हुई। पाटील ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों का दाखिले को कामय करने के लिए अलग-अलग तरीके से प्रयास कर रही है।

आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। चुनाव आयोग की अनुमति मिलते है सरकार के पास ठोस फैसला लेने का अधिकार होगा। पाटील ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन किया है। इसमें मेडिकल के विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया की अवधि 25 मई के बजाय 31 मई तक बढ़ाने की मंजूरी देने की मांग की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मेडिकल की 100 से 115 सीटों को बढ़ाने का मांग को लेकर एक पत्र भेजा है। लेकिन इस फैसले में काफी समय लग सकता है क्योंकि यह फैसला लोकसभा चुनाव के बाद नए सरकार को करना होगा फिर भी हमने केंद्र को पत्र लिखा है। पाटील ने कहा कि सरकार ने नागपुर खंडपीठ और सुप्रीम कोर्ट में यह पक्ष रखा कि मराठा आरक्षण 30 नवंबर को लागू हुआ। इसके बाद 22 फरवरी से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई है। लेकिन अदालत का कहना है कि 3 नवंबर को नीट परीक्षा का परिपत्र जारी हुआ।

उन्होंने कहा कि यह परिपत्र जारी होना मतलब प्रवेश प्रकिया शुरू होना है। यह परिपत्र 30 नवंबर के पहले का है इसलिए 16 प्रतिशत मराठा आरक्षण का लाभ इस शैक्षिणक वर्ष से नहीं मिलेगा। पाटील ने कहा कि हमने अदालत से कहा है कि परीक्षा शुरू होने का मतलब प्रवेश प्रकिया चालू होना नहीं है क्योंकि परीक्षा कोई भी दे सकता है। यह परीक्षा देने के बाद जारी हुई लिस्ट के अनुसार आरक्षण के आधार पर दाखिला लिया जाता है। राज्य में 22 फरवरी को दाखिले के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन अदालत ने सरकार के पक्ष को स्वीकार नहीं किया। 

 

Created On :   15 May 2019 2:52 PM GMT

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