मां-बाप को नहीं दिया सहारा, तो बेसहारा हो सकते हैं सरकारी कर्मचारी

Govt employees salary may be stopped for Helpless parents
मां-बाप को नहीं दिया सहारा, तो बेसहारा हो सकते हैं सरकारी कर्मचारी
मां-बाप को नहीं दिया सहारा, तो बेसहारा हो सकते हैं सरकारी कर्मचारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मां-बाप को असहाय स्थिति में छोड़ने वाले सरकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकी जा सकती है। राज्य सरकार इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने पर विचार कर रही है। सामाजिक न्यायमंत्री राजकुमार बडोले ने विधानसभा में यह जानकारी दी। हालांकि इस मसले पर अन्य राज्यों की नीतियों का भी अध्ययन हो रहा है। ध्यानाकर्षण सूचना के तहत मंगल प्रसाद लोढा व अन्य सदस्यों के प्रश्न पर मंत्री ने बताया कि बुजुर्गों को संरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने 2013 में नीति बनाई है। उस नीति के प्रभावी अमल के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अन्य राज्यों की नीति का भी अध्ययन करने को कहा है।

6 राज्यों की बुजुर्ग संरक्षण नीति पर जानकारी ली जा रही है। अब सर्वसमावेशी नीति बनाने का विचार है। इसे एक माह में तैयार करने का प्रयास है। एक प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि राज्य में वरिष्ठ नागरिकों को सरकारी सहायता देने के लिए निर्धारित उम्र 65 की बजाय 60 वर्ष की उम्र लागू करने का भी मूड बनाया जा रहा है। इस संबंध में भी एक माह में निर्णय लिया जाएगा। संतान की उम्र 25 वर्ष होने पर विधवाओं को पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। इस मामले में भी विधवा को सहायता दिलाने के लिए सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। दिव्यांग महिला की सहायता के लिए निर्णायक कार्य हुआ है।

चरवाहों के बच्चों का स्थानांतरण रोकने खुलेंगे निवासी स्कूल

इसके अलावा चरवाहों के बच्चों का स्थानांतरण रोकने के लिए निवासी स्कूल खोले जाएंगे। मवेशियों के लिए चारे की तलाश में चरवाहों को समय-समय पर स्थानांतरण करना पड़ता है। पूरे परिवार के साथ स्थानांतरण करने पर उनके बच्चों की शिक्षा आधे में छूट जाती है। उन्हें शिक्षा के प्रवाह से जोड़कर रखने के लिए निवासी स्कूल खोलने का प्रस्ताव जिला परिषद की ओर से उपसंचालक को भेजा जाएगा।

जिले में नागपुर, उमरेड और हिंगना तहसील में चरवाहों की बस्तियां हैं। जब तक बस्ती के आस-पास मवेशियों के लिए चारा मिलता है, तब तक उनका अपनी ही बस्ती में बसेरा रहता है। हरियाली खत्म होने पर चारे की तलाश में उन्हें बस्ती छोड़कर स्थानांतरण करना पड़ता है। इन समस्याओं के चलते बच्चों का स्थानांतरण रोकने निवासी स्कूल खोले जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जिला परिषद प्राथमिक शिक्षा विभाग की ओर से उपसंचालक को प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया चल रही है।

Created On :   21 Dec 2017 5:47 PM GMT

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