सरकार ने चुनिंदा कम्युनिकेशन आइटम्स पर बढ़ाई 10% कस्टम ड्यूटी
- 26 सितंबर को फ्रिज और एसी समेत 19 लगजरी आइटम्स पर 2.5 से 10 फिसदी तक बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ाई थी।
- कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर सरकार गैर जरूरी आइटम्स के इंपोर्ट को कम करना चाहती है।
- वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को दूरसंचार उपकरण समेत कई वस्तुओं पर 10% से 20% तक तक कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चालू खाता घाटे को कम करने के लिए वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को दूरसंचार उपकरण समेत कई वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 10% से 20% कर दी है। कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का ये दूसरा राउंड है। इससे पहले सरकार ने 26 सितंबर को फ्रिज और एसी समेत 19 लग्जरी आइटम्स पर 2.5 से 10 फीसदी तक बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ाई थी। कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर सरकार गैर जरूरी आइटम्स के इंपोर्ट को कम करना चाहती है।
सरकार ने जिन आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी 10 से बढ़ाकर 20% की है, उनमें टेलीफोन सेट (सेल्यूलर और वायरलेस नेटवर्क दोनों) शामिल हैं। वहीं स्मार्ट वॉच, ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट उपकरण, पैकेट ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट उत्पाद या स्विच (POTP या POTS), ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क (OTN) उत्पादों, सॉफ्ट स्विचेस और वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) पर 10% कस्टम ड्यूटी लगाई गई है। कैरियर ईथरनेट स्विच, पैकेट ट्रांसपोर्ट नोड (PTN) उत्पादों, मल्टीप्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग ट्रांसपोर्ट प्रोफाइल (MPLS-TP) उत्पादों और मल्टिपल इनपुट/मल्टिपल आउटपुट (MIMO) पर भी 10% कस्टम ड्यूटी लगाई गई है।
एक अधिसूचना में, CBIC ने कहा कि केंद्र सरकार ने कस्टम टैरिफ एक्ट, 1975 के फर्स्ट शेड्यूल के चैप्टर 85 के तहत आने वाले उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी तत्काल प्रभाव से बढ़ाने का फैसला किया है। चैप्टर 85 में इलेक्ट्रिकल मशीनरी और उपकरण, साउंड रिकॉर्डर, टेलीविजन इमेज रिकॉर्डर और उनके पार्ट्स आते हैं। बेस स्टेशन और डिजिटल लाइन सिस्टम पर आयात शुल्क दोगुना बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है। अभी तक इन पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था। संशोधित आयात शुल्क शुक्रवार से प्रभावी होगा।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "हमारी मुख्य चिंता चालू खाता घाटा, भुगतान अंतर का बैलेंस और गिरता रुपया है। ये तीन चीजें हैं, जिन्हें हम देख रहे हैं। हमारे पास एक रणनीति है। यदि आवश्यक हुआ, तो सरकार भुगतान के अंतराल को दूर करने के लिए अलग-अलग तरीकों से हस्तक्षेप कर सकती है।"
क्या है कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की वजह?
डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहे रुपए को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। भारत सरकार ने चालू खाता घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए विदेशों से खरीदे जाने वाले कुछ गैर-जरूरी सामानों के आयात रोकने की रणनीति के तहत इन पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है। इस फैसले से जहां गैर-जरूरी सामानों का आयात रुकेगा और डॉलर की खपत कम होगी, वहीं मेक इन इंडिया अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा।
इन आइटम्स पर सरकार ने बढ़ाई थी ड्यूटी
इससे पहले सरकार ने 26 सितंबर को फ्रिज और एसी समेत 19 लग्जरी आइटम्स पर 2.5 से 10 फीसदी तक बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ाई थी।
- वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर्स, एयर कंडीशनर्स के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई।
- एयर कंडीशनर्स/फ्रिज के कंप्रेसर्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी गई है।
- सोने-चांदी की इंपोर्टेड ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है।
- आर्टीफिशियल डायमंड्स पर कस्टम ड्यूटी 5 फीसदी से बढ़ाकर 7.50 फीसदी कर दी गई है।
- प्लास्टिक किचनवेयर पर कस्टम ड्यूटी 10 से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी गई है।
- ट्रैवल बैग, सूटकेस पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी की गई है।
- स्पीकर्स पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी गई।
- फुटवियर पर कस्टम ड्यूटी 20 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दी गई है।
- रेडियल कार टायर्स पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी।
- इसके अलावा सरकार ने एविएशन टरबाइन फ्यूल पर 5 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगा दी है।
Created On :   11 Oct 2018 6:36 PM GMT