औद्योगिक उत्पादन में ग्रोथ, जून में 7 प्रतिशत बढ़ी वृद्धि दर
- अप्रैल-जून
- 2018 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.2 फीसदी आंकी गई है।
- जून की औद्योगिक उत्पादन दर 7 फीसदी रही है।
- देश की औद्योगिक उत्पादन दर (IIP) 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की औद्योगिक उत्पादन दर (IIP) 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जून की औद्योगिक उत्पादन दर 7 फीसदी रही है। मई में ये 3.2 फीसदी थी। उधर अप्रैल-जून, 2018 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.2 फीसदी आंकी गई।
औद्योगिक उत्पादन में 77.63 फीसदी का वेटेज रखने वाले मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन जून में 2.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.9 फीसदी हो गया। इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन में ग्रोथ 8.5 पर्सेंट रही, जबकि मई में यह आंकड़ा 4.2 फीसदी का ही था। कैपिटल गुड्स सेक्टर की ग्रोथ 9.6 फीसदी रही है। कन्जयूमर ड्यूरेबल्स की ग्रोथ जून महीने में 13.1 फीसदी रही है, जबकि मई में यह 4.3 फीसदी थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महीने में उद्योगों के लिहाज से मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के 23 इंडस्ट्रियल समूहों में से 19 समूहों ने जून 2018 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। इस दौरान "कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक एवं ऑप्टिकल उत्पादों का विनिर्माण" नामक उद्योग समूह ने 44.1 प्रतिशत की सर्वाधिक धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है।
Excellent numbers of IIP growth for June. IIP rises by 7%. Capital goods growth 9.6%. First quarter IIP growth stands at 5.2% with manufacturing also recording same growth. 19 out of 23 industry groups recorded positive growth with computer and electronics growth at 44%.
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) August 10, 2018
केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘प्रगति बेहतरीन है। देखना यह है कि तेजी बरकरार रहती है या नहीं। पिछले साल जीएसटी लागू होने के पहले जून महीने में स्टॉक खत्म करने की कवायद हुई थी और उत्पादन में कटौती हुई थी। अगर यही दरें अगली 2-3 तिमाही तक बरकरार रहती हैं तो हम इस साल 5-6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं, जो उल्लेखनीय तेजी होगी।
अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, ‘प्राथमिक वस्तुएं- जो औद्योगिक वृद्धि की प्रमुख सूचक हैं, बेहतरीन वृद्धि दिखा रही हैं और टिकाऊ औद्योगिक तेजी का विश्वास दिलाती हैं। लेकिन मध्यवर्ती वस्तु, जो अन्य प्रमुख संकेतक हैं, इस बात का भरोसा नहीं जगा रही हैं कि औद्योगिक वृद्धि टिकाऊ होगी।
Created On :   10 Aug 2018 7:07 PM GMT