परसमनिया कांड: चार साल की मासूम से दुष्कर्म पर अतिथि शिक्षक को फांसी

guest teacher got death penalty for kidnapping and rape of a 4 years girl
परसमनिया कांड: चार साल की मासूम से दुष्कर्म पर अतिथि शिक्षक को फांसी
परसमनिया कांड: चार साल की मासूम से दुष्कर्म पर अतिथि शिक्षक को फांसी

डिजिटल डेस्क, सतना। 4 साल की मासूम के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अपर सत्र न्यायालय नागौद की अदालत ने 27 वर्षीय अतिथि शिक्षक महेन्द्र सिंह गोड़ को फांसी की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने अपने 52 पेज के फैसले में आदेशित किया है कि अपराधी को गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए। उचेहरा थाना इलाके के परसमनिया गांव निवासी 27 वर्षीय अतिथि शिक्षक महेन्द्र सिंह गोड़ पिता दूलाल उर्फ राजबहादुर गोड़ के खिलाफ पुलिस ने 3 अगस्त को जिला एवं सत्र न्यायालय में आईपीसी के सेक्शन 363, 376 एबी, पाक्सो एक्ट की धारा-5 झ ड और 6 के तहत चार्जशीट पेश की थी। अपर सत्र न्यायालय नागौद में 4 अगस्त से ट्रायल शुरु हुआ और बुधवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए अपराधी अतिथि शिक्षक महेन्द्र सिंह को मौत की सजा सुनाई। इससे पहले इस मसले पर कुल 14 पेशियों में 22 गवाहों के बयान कलमबंद किए गए।

ऐसा पहली बार
विधिक मामलों के जानकारों ने बताया कि प्रदेश में अपने किस्म का ये इकलौता मामला है जब पीड़िता के अदालत में पेश नहीं होने के बाद भी आरोपी के अपराध सिद्ध होने पर उसे  फांसी की सजा सुनाई गई है। अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उसके बयान दर्ज किए थे। पीड़िता का अभी भी नई दिल्ली स्थित एम्स में इलाज चल रहा है। जिले में किसी अपराधी को फांसी की सजा सुनाए जाने का ये पांचवा मामला है।

चार्जशीट पर एक नजर
उचेहरा थाना क्षेत्र के पन्ना चौकी परसमनिया निवासी महेन्द्र सिंह गोड़ पर आरोप था कि वो विगत एक जुलाई की रात 10 बजे पीड़िता के गांव पहुंचा। वो पीड़िता के पिता का पूर्व परिचित था। उस वक्त 4 वर्ष की पीड़िता गहरी नींद में सो रही थी। आरोपी भरौली जाने को कह कर चला गया और घर के पास ही छिप गया। रात 12 बजे पीड़िता का पिता तालाब की ओर शौच के लिए चला गया। इसी बीच आरोपी ने पीड़िता का मुंह दबा कर उसका अपहरण कर लिया और कुछ ही फासले पर जंगल से सटे एक खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। बच्ची के रोने और चिल्लाने पर आरोपी ने उसका मुंह और गला दबा दिया, जिससे पीड़िता बेहोश हो गई। आरोपी उसे मरा हुआ समझ कर वही पर छोड़कर फरार हो गया। रात में ही परिजनों की खोज पर पीड़िता गंभीर हालत में मिली। पीड़िता  को पहले इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया और फिर उसे बेहतर उपचार के लिए एम्स नई दिल्ली भेज दिया गया।

कोर्ट की टिप्पणी : रक्षक ही भक्षक
अपर सत्र न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा है कि आरोपी शिक्षक है और गुरु है। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा होता है। बच्चे अपने गुरु को आदर और सम्मान देते हैं तथा उनके आचरणों का अनुसरण करते हैं। शिक्षक का प्रोफेशन एक मिशन है, जो छात्रों के व्यक्तित्व का समग्र विकास और चरित्र निर्माण अपने आचरण और व्यवहार से करता है। शिक्षक के हाथ में देश का भविष्य होता है। यदि शिक्षक ही गलत होगा तो देश का भविष्य ही अंधकारमय हो जाएगा। यहां जो रक्षक है वही भक्षक है।

 

Created On :   19 Sep 2018 2:40 PM GMT

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