गुजरात चुनाव : पहले चरण के लिए वोटिंग खत्म, पढ़ें पूरा लेखा-जोखा

Gujarat election 2017 first phase polling live update
गुजरात चुनाव : पहले चरण के लिए वोटिंग खत्म, पढ़ें पूरा लेखा-जोखा
गुजरात चुनाव : पहले चरण के लिए वोटिंग खत्म, पढ़ें पूरा लेखा-जोखा

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग समाप्त हो गई है। पहले चरण में यहां 68 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई है। 2012 की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है। यहां गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र और दक्षिणी इलाके के 19 जिलों की 89 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग के लिए सुरक्षा व्यवस्था का अच्छा बंदोबस्त किया गया था। पहले चरण में मतदान के लिए 24,689 केंद्र बनाए गए थे। पहले चरण के चुनाव में 19 जिलों के 977 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 18 दिसंबर को होगा।

इन जगहों पर हुआ इतने प्रतिशत मतदान
सूरत में 70, कच्छ 63, सोमनाथ 70, राजकोट 70, भरूच 71, पोरबंदर 60, जामनगर 65, अमरेली 67, सुरेंद्रनगर 65, द्वारका 63, भावनगर 62, नर्मदा 73, तापी 73, बोटद 70, मोरबी 75 और जूनागढ़ में 65 प्रतिशत मतदान हुआ है।

इस बार गुजरात चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। जहां बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनावी जंग जीतने की तैयारी में है तो वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और OBC नेता अल्पेश ठाकोर भी इस चुनावी रण में कांग्रेस के साथ खड़े हैं।

पिछले 6 महीनों के दौरान गुजरात में चल रही इस चुनावी जंग में कईं बार हवा का रुख पलटा है। 6 महीने पहले जहां बीजेपी स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आती दिखाई दे रही थी, वहीं हाल ही में राहुल गांधी के तूफानी चुनावी दौरों ने कांग्रेस की उम्मीदें जिंदा कर दी है। हालिया ओपिनियन पोल में कांग्रेस की जोरदार वापसी दिखाई दे रही थी। हालांकि धर्म, आरक्षण और विकास के मुद्दे पर लड़े जा रहे इस चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदों को उन्हीं के नेताओं से बड़ा झटका लगा। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई टालने के लिए दलील और मणिशंकर अय्यर द्वारा हाल ही में पीएम मोदी के लिए "नीच" शब्द के प्रयोग ने एक बार फिर बीजेपी को मौका दे दिया। अब देखना होगा कि गुजरात की जनता धर्म, आरक्षण और विकास के इस चुनावी रंग में किसका साथ देती है।

कपिल सिब्बल ने बिगाड़ा खेल


सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हो रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि राम मंदिर पर सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद हो। बस फिर क्या था, BJP ने इसे मुद्दा बनाकर गुजरात चुनाव में जमकर उछाला। बीजेपी ने सिब्बल के इस बयान को हथियार बनाते हुए कहा कि एक तरफ तो राहुल गुजरात चुनावों के लिए मंदिर जाने का ढोंग करते हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी पार्टी के नेताओं से राम मंदिर निर्माण में रोड़े अटकाते हैं।

मणिशंकर के बयान ने बीजेपी को दिया मौका


गुजरात चुनाव के पहले चरण से ठीक दो दिन पहले कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी "नीच" शब्द कहकर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित तो कर दिया। मगर अय्यर इस बयान के जरिए BJP को बड़ा मुद्दा दे गए। अब पीएम मोदी अपनी रैलियों में कहते नजर आते हैं, " कांग्रेस मुझे इसलिए नीच कहती है क्योंकि मैं पिछड़ी जाति का हूं।"

हार्दिक पटेल की Sex CD


गुजरात चुनाव में हार्दिक पटेल बड़ी दमदारी के साथ मैदान में थे। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने आरक्षण के लिए जातिगत समीकरण बनाते हुए विकास के मुद्दों पर पीएम मोदी और गुजरात की BJP सरकार पर जमकर वार किए। हार्दिक ने चुनाव से पहले ही दबे स्वर में कांग्रेस पार्टी को समर्थन करने का फैसला कर लिया था। इसी बीच BJP ने हार्दिक पटेल की एक के बाद एक कई Sex CD वायरल की। इसके बाद हार्दिक पटेल के तेवर कमजोर पड़ते गए और उनके समर्थक भी उनका साथ छोड़ते गए। 

जिग्नेश और अल्पेश देंगे कांग्रेस को सहारा


दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और OBC नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के साथ हैं। दलित और पिछड़े वर्ग के इन नेताओं के कांग्रेस के साथ आने से कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ी हैं। हार्दिक के तेवर हल्के होने के बाद कांग्रेस को इन दोनों नेताओं से बड़ी आस है। जिग्नेश और अल्पेश का कांग्रेस से हाथ मिलाने से एक बड़ा दलित और पिछड़ा वर्ग कांग्रेस को वोट कर सकता है।

पहले चरण में 2.12 करोड़ वोटर


पहले चरण में गुजरात के 4.35 करोड़ वोटर्स में से 2.12 करोड़ लोगों ने वोटिंग की है। दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र की इन सीटों पर कुल 1,11,05,933 पुरुष वोटर हैं। महिलाओं की बात करें तो यहां 1,01,05,933 महिला वोटर पंजीकृत हैं। इनके साथ ही 247 अन्य मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। कुल 29 एनआरआई के अलावा 6,014 अन्य सेवाओं के वोटर्स ने भी शनिवार को मतदान किया है। बता दें कि गुजरात में 14वीं विधानसभा का चुनाव दो में चरणों हो रहा है। पहले चरण का मतदान 9 दिसंबर को समाप्त हो गया है, जबकि दूसरे चरण का मतदान 14 दिसंबर को किया जाना है।

पहले चरण में किस पार्टी के कितने उम्मीदवार


पहले चरण के मतदान में 977 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इसमें से 920 उम्मीदवार पुरुष हैं, जबकि 57 महिला प्रत्याशी भी पहले चरण में चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही हैं। BJP की ओर से सभी 89 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं। वहीं कांग्रेस ने 87 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। बहुजन समाज पार्टी ने 64 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। ऑल इंडिया हिंदुस्तान पार्टी 48 उम्मीदवारों को पहले चरण का चुनाव लड़वा रही है। इस चरण में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के 30, शिवसेना के 25 और आम आदमी पार्टी के 21 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इन सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला अब 18 दिसंबर को होगा।

हार्दिक पटेल, जिग्नेश और अल्पेश भी मैदान में


राजकोट जिले के धोरजी विधानसभा सीट हार्दिक पटेल के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस सीट से पाटीदार आंदोलन समिति के नेता ललित वसोया कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। इनके खिलाफ BJP के लोकसभा एमपी हरिलाल पटेल चुनावी मैदान में हैं। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी स्वंय ही बनासकांठा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं, जिन्हें कांग्रेस का समर्थन हासिल है। कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। जबकि OBC नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस की ओर से राधनपुर से उम्मीदवार हैं।

विजय रुपाणी के सामने बड़ी चुनौती


शनिवार को खत्म हुए पहले चरण के चुनाव में कई बड़े और प्रमुख उम्मीदवारों पर अपनी साख बचाने की जिम्मेदारी है। इनमें पश्चिम गुजरात के राजकोट से मुख्यमंत्री रुपाणी, मांडवी सीट से कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल और अमरेली सीट से परेश धनानी शामिल हैं। रुपाणी के सामने कांग्रेस के उम्मीदवार इंद्रनील राजगुरु की चुनौती है। वर्तमान में विजय रुपाणी राजकोट वेस्ट और इंद्रनील राजगुरु राजकोट ईस्ट से मौजूदा विधायक हैं। राजकोट वेस्ट सीट BJP के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नरेंद्र मोदी पूर्व में यहां से चुनाव लड़ चुके हैं।

पिछली बार इन सीटों का हाल


89 सीटों में से 2012 के विधानसभा चुनाव में 35 पर BJP ने जीत दर्ज की थी। 20 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी। वहीं 2 सीटों पर केशुभाई पटेल की पार्टी गुजरात परिवर्तन पार्टी और एक सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। BJP गुजरात में लगातार 22 सालों से सत्तारूढ़ पार्टी है। वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि वह दो दशक बाद एक बार फिर वापसी करेगी। गुजरात नवसर्जन यात्रा के तहत कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चार बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं।

इन सीटों पर कभी जीत नहीं पाई है BJP


राजकोट जिले की जसदान और तापी की व्यारा विधानसभा सीट पर इस बार BJP की पैनी नजर बनी हुई है, क्योंकि BJP के 22 साल के शासन में इनकी विशेष पहचान रही है। ये दोनों कस्बे ऐसे हैं, जहां से अब तक BJP के किसी भी उम्मीदवार को कभी भी जीत नहीं मिली है। गुजरात के गठन के बाद से ही इन सीटों से हमेशा लोगों ने गैर-BJP उम्मीदवार को ही विधानसभा भेजा है। बीते 52 सालों में हुए 12 विधानसभा चुनावों में यहां जनसंघ या BJP को कभी जीत नहीं मिली। इस बार पीएम नरेंद्र मोदी ने जसदान और अमित शाह ने व्यारा विधानसभा में पार्टी का प्रचार किया है। जसदान से तो इस बार यहां के प्रतिष्ठित राजपरिवार के सदस्य सत्यजीत कुमार खच्चर भी BJP के ही साथ हैं।

Created On :   8 Dec 2017 1:58 PM GMT

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