मोरबी का दर्द जानने आईं इंदिरा मुंह पर रुमाल रखे थीं : मोदी

मोरबी का दर्द जानने आईं इंदिरा मुंह पर रुमाल रखे थीं : मोदी

फोटो साभार-चित्रलेखा मैग्जीन
डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही राजनीतिक पार्टियों के बीच जुबानी हमले भी तेज होते जा रहे हैं। गुजरात की चुनावी जंग में बीजेपी के चुनाव अभियान की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथ में ले ली है। इस चुनावी घमासान में पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को चार रैलियां की। भावनगर के पालिताना में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा इस क्षेत्र को हमने कभी पानी की कमी नहीं होने दी। बीजेपी ने पिछले 22 वर्षों में टैंकर उद्योग को लगभग खत्म कर दिया। कांग्रेस ने टैंकर व्यापार के नियंत्रण से यह समस्या होती थी।

नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे विकास से नफरत करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को गुजरात से नफरत है, मोदी से नफरत है, पसीने से भी नफरत है क्योंकि उन्हें सब कुछ बिना मेहनत के ही मिला है। साथ ही मोदी ने कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में रहती तो नर्मदा का पानी कभी गुजरात न आ पाता और न ही किसानों को इसका लाभ कभी मिल पाता।

आज मंदिर के दर्शन कर रहे हैं वे सोमनाथ मंदिर के निर्माण के खिलाफ थे

इससे पहले प्राची में अपनी रैली में मोदी ने कहा कि गुजरात दौरे का ये मेरा दूसरा दिन है और मैनें यहां लोगों में उत्साह देखा मुझे काफी अच्छा लगा। महिलाएं हमें आशीर्वाद देने आ रही हैं। इतना ही नहीं मोदी ने राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर दर्शन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अब राहुल सोमनाथ मंदिर के दर्शन कर रहे हैं वहीं पहले उनके परिवार के लोग मंदिर निर्माण के खिलाफ थे। मोदी ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन करने आए थे, नेहरू खुश नहीं थे।

इससे पहले मोरबी की रैली में पीएम ने जहां जनता को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम ने कहा कि मैं हमेशा से मोरबी के सुख-दुख में साथ रहा हूं। मोदी ने जनता से कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब दिल्ली में तुम्हारा आदमी बैठा है, दोनों हाथो में लड्डू है। पांचों उंगलियां घी में है, विकास के नाम पर वोट दीजिएगा। वहीं कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी बुधवार से दो दिन के दौरे पर गुजरात में होंगे। इस दौरान राहुल भी 3 रैलियां करने वाले हैं।

इंदिरा जी मुंह पर रुमाल बांधकर आई थी

मोरबी में रैली को एड्रेस करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। पीएम ने कहा कि मोरबी से मेरा काफी पुराना नाता है। बीजेपी और संघ हमेशा मोरबी के साथ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के नेताओं के बारे में ऐसा नहीं बोल सकता। पीएम ने आगे कहा कि जब 1980 में यहां डैम टूटा था, तो इंदिरा जी मुंह पर रुमाल बांधकर मोरबी आईं थीं। पीएम ने गुजरात के विकास मॉडल की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस का विकास मॉडल हैंडपंप है और गुजरात का विकास मॉडल है नर्मदा का पानी पाइपलाइन से घरों नें जाना। पीएम ने आगे कहा कि जब हम सत्ता में नहीं थे, तब भी मोरबी की सेवा की थी। आपको बता दें कि 1979 में मोरबी के मच्छू डैम हादसे में कई लोगों, पशुओं की मौत हुई थी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इसी हादसे के बाद मोरबी इलाके का दौरा करने गई थीं।

क्यों अहम है गुजरात का चुनाव? 

गुजरात का चुनाव इसलिए काफी अहम है क्योंकि गुजरात पीएम मोदी का गढ़ है और वो करीब 13 सालों तक वहां मुख्यमंत्री रहे हैं, जबकि राज्य में बीजेपी 22 सालों से सत्ता में है। गुजरात विधानसभा चुनाव को 2019 के आम चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है और यहां का चुनाव ही आगे की राजनीति तय करेगा। अगर बीजेपी गुजरात में हारती है, तो उससे न सिर्फ केंद्र में झटका लगेगा, बल्कि देशभर में मोदी ने जिस गुजरात के विकास मॉडल को 2014 में पेश किया गया था, वो भी फेल हो जाएगा। बीजेपी की हार, मतलब नरेंद्र मोदी की पॉपुलैरिटी में कमी। वहीं कांग्रेस अगर ये चुनाव जीत गई, तो उसके लिए ये "डूबते को लठ्ठ का सहारा" साबित होगा। यहां लठ्ठ इसलिए बोला जा रहा है क्योंकि गुजरात छोटा राज्य नहीं है और वो इसलिए भी खास है क्योंकि पीएम मोदी का गढ़ है। गुजरात में कांग्रेस की जीत, उसकी वापसी तय करेगी और एक बार फिर से जनता का कांग्रेस पर विश्वास तो बढ़ेगा ही, साथ ही राहुल गांधी की इमेज भी बदलेगी, जो अब तक हुआ करती थी।

गुजरात चुनाव की अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है, कि पीएम मोदी अब तक कई बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम भी स्टार प्रचारक में शामिल हैं। मतलब साफ है, बीजेपी इस चुनाव में किसी भी हाल में जीतना चाहती है। अगर बीजेपी हारी तो देश में मोदी सरकार के विरोध में लहर उठ सकती है, जिसका नुकसान आगामी लोकसभा चुनाव में होगा। वहीं कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी भी यहां एक के बाद एक दौरे कर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस के लिए ये जीत बहुत मायने रखती है, क्योंकि गुजरात में 22 साल बाद कांग्रेस की वापसी उसके लिए "संजीवनी बूटी" से भी बढ़कर कारगार साबित होगी।

क्या है गुजरात विधानसभा का गणित? 

गुजरात विधानसभा के गणित की बात करें तो यहां पर 182 विधानसभा सीटें हैं। पिछले यानी 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। इस वक्त गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 114, कांग्रेस के 61 और अन्य के खाते में 6 सीटें हैं। वहीं पिछली बार बीजेपी को 48%, कांग्रेस को 39% और अन्य को 13% वोट मिले थे। 

जबकि गुजरात में 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो यहां पर 26 लोकसभा सीट है और सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट परसेंट जहां 60 था, वहीं कांग्रेस को 33% वोट मिले थे, लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस इस वोट परसेंटेज को सीटों में तब्दील करने में नाकाम रही थी।

गुजरात में कब है चुनाव? 

गुजरात में विधानसभा चुनाव की 182 सीटों के लिए वोटिंग 2 फेस में होने जा रही है। पहले फेस में 89 सीटों के लिए 9 दिसंबर को वोटिंग होगी, जबकि दूसरे फेस में 93 सीटों के लिए 14 दिसंबर को वोटिंग की जाएगी। वहीं रिजल्ट 18 दिसंबर को डिक्लेयर किए जाएंगे। 

Created On :   29 Nov 2017 3:10 AM GMT

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