आरक्षण : गुर्जरों का आंदोलन आज से, सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया

Gujjars agitation will start from tomorrow government called for talks
आरक्षण : गुर्जरों का आंदोलन आज से, सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया
आरक्षण : गुर्जरों का आंदोलन आज से, सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में आज (मंगलवार) से शुरू होने वाले गुर्जर आंदोलन ने एक बार फिर राज्य सरकार की धड़कनें बढ़ा दी हैं। बयान में गुर्जर आरक्षण महापंचायत को देखते हुए सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को कल सोमवार शाम साढ़े पांच बजे सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया था। हालांकि इस बैठक में क्या निष्कर्ष निकला है अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। संघर्ष समिति के पदाधिकारी हिम्मत सिंह ने सरकार से बातचीत से पहले बताया था कि गुर्जर समाज के पंच-पटेलों और समाज के प्रतिनिधियों की बैठक हो रही है। बैठक में जो भी सहमति बनेगी उसके अनुसार गुर्जर समाज के प्रतिनिधि सरकार के साथ बातचीत के लिए जाएंगे।

 

उधर, गुर्जर आंदोलन की तैयारियों की रूपरेखा और सरकार से होने वाली बातचीत का मसौदा तय करने के लिए 10.30 बजे हिण्डौन में गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में बैठक की गई। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने मंगलवार 15 मई को बयाना के अड्डा गांव में गुर्जर महापंचायत आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसी महापंचायत में आंदोलन की फाइनल रूपरेखा तय की जाएगी। 

 

छावनी बना भरतपुर, धौलपुर में भी बढ़ाई सुरक्षा 

 

बता दें कि भरतपुर में बयाना के गांव अड्डा में 15 मई को गुर्जरों की महापंचायत को देखते हुए 30 मई तक भरतपुर जिले में धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा जिले के पांच थाना क्षेत्रों के 102 गांवों में मोबाइल इंटरनेट सेवा 13 मई को शाम 4 बजे तक बंद कर दी गई थी। गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के भी महापंचायत में आने पर रोक लगा दी गई है। भरतपुर की सीमा में घुसते ही उनकी गिरफ्तारी करने के आदेश दिए गए हैं। इस बीच, गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से मुलाकात कर लगातार स्थिति सामान्य बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

 

जिले में आठ कम्पनियां बुलाई गईं हैं। जिनमें से कुछ कंपनियां रविवार रात पहुंच चुकी हैं। बाकि आज पहुंचनी है। भरतपुर के अलावा धौलपुर में भी आरएएसी की कंपनियां लगाई जानी है। भरतपुर में आरपीएफ की 3 कम्पनियां भी स्पेशल कोच से सोमवार शाम तक पहुंच रही हैं। दोनो जिलों में पांच आईपीएस लगाए गए हैं। उनमें साथ आठ एडिशनल एसपी, दस डीएसपी और कई थानाधिकारी भी पहुंच रहे हैं। पुलिस और कंपनियों को सोमवार रात और मंगलवार सवेरे पैदल मार्च करने को भी कहा गया है।

 

गुर्जर पांच फीसदी आरक्षण पर अड़े 

ओबीसी कोटे का विभाजन कर गुर्जरों के लिए 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर एक बार फिर आंदोलित हैं।  बैंसला ने ओबीसी कोटे का विभाजन कर गुर्जरों के लिए 5 फीसदी आरक्षण की मांग सरकार से की है। गुर्जर समुदाय 15 मई से बयाना में एक बार फिर महापंचायत कर आरक्षण आंदोलन की शुरुआत कर रहा है। इसके चलते सरकार और रेलवे सावधान हो गई है। रेलवे ने गुर्जर आंदोलन से निपटने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया है। भरतपुर के संभागीय आयुक्त ने गुर्जर बहुल 80 ग्राम पंचायतों के 167 गांवों में इंटरनेट पर 15 मई की शाम तक पाबंदी लगा दी है।

 

बैठक के नतीजों से तय होगा आंदोलन का भविष्य

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने बताया कि अब तक राज्य सरकार की तरफ से कोई बात या पक्ष नहीं आया है। राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है।सोमवार शाम होने वाली बातचीत में ही कोई निर्णय निकल सकता है। गुर्जर नेताओं के तेवर देखते हुए लग रहा है कि इस बार स्थितियां काफी जटिल होने वाली हैं। 

 

यूपी के गुर्जर नेताओं ने दिया समर्थन

इस बीच पश्चिमी यूपी के गुर्जर नेताओं ने भी राज्स्थान में 15 मई से शुरू होने वाले आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने ओबीसी कोटे में 5% फीसदी आरक्षण दिए जाने का समर्थन करते हुए  कहा कि राज्य सरकार को इस मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होने कहा कि गुर्जर समाज के उत्थान के लिए 5 फीसदी आरक्षण दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कल होने वाली महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग भाग लेने महापंचायत स्थल पर पुहंचेंगे। 

 

5 बार हो चुका है गुर्जर आंदोलन 

मालूम हो कि अब तक गुर्जर पांच बार आंदोलन कर चुके हैं। हर बार करोड़ों का नुकसान तो होता ही है साथ ही कई लोगों की जान भी चली जाती है। बता दें कि वर्ष 2007 में 29 मई से 5 जून सात दिन गुर्जरों में आंदोलन किया था। इससे 22 जिले प्रभावित रहे और 38 लोग मारे गए।  इसके बाद 23 मई से 17 जून 2008 तक 27 दिन तक आंदोलन चला। 22 जिलों के साथ 9 राज्य प्रभावित रहे। 30 से ज्यादा मौतें हुई। इसके बाद गुर्जर आंदोलन 20 दिसंबर 2010 को फिर सुलग उठा। बयाना में रेल रोकी गई थी। 21 मई 2015 को कारवाड़ी पीलुकापुरा में रेलवे ट्रैक रोका और इसकी सूचना 13 मई 2015 को ही दी गई।

 

गुर्जर आंदोलन में अब तक 72 लोग मारे गए हैं। सरकारी आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो गुर्जर आरक्षण की वजह से अब तक 145 करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति और राजस्व का नुकसान दर्ज किया गया। आम आदमियों व प्रतिष्ठानों का 13 हजार 500 करोड़ रु. से ज्यादा का नुकसान हुआ है।


 

कितने दिन चला आंदोलन, गुर्जरों ने कितने दिन पहले दी जानकारी-

 

- 2007 में 29 मई से 5 जून: सात दिन में 22 जिले प्रभावित रहे। 38 लोग मारे गए। गुर्जरों ने 11 अप्रेल 2007 यानी की पौने दो महीने पहले ही बता दिया था कि आंदोलन होगा और राष्ट्रीय राजमार्ग रोके जाएंगे।

- 23 मई से 17 जून 2008: 27 दिन तक आंदोलन चला। 22 जिलों के साथ 9 राज्य प्रभावित रहे। 30 से ज्यादा मौतें हुई। गुर्जरों ने 5 मई को अल्टीमेटम दिया था।

- 20 दिसंबर 2010: बयाना में रेल रोकी गई थी। इसकी घोषणा 8 दिसंबर 2010 यानी 12 दिन पहले हुई थी।

- 21 मई 2015: कारवाड़ी पीलुकापुरा में रेलवे ट्रैक रोका और इसकी सूचना 13 मई 2015 को ही दी गई।

- गुर्जर आंदोलनों में अब तक 72 लोगों की मौत। राजस्थान में 70 और हरियाणा के पानीपत और यूपी के फिरोजाबाद में एक-एक व्यक्ति की मौत। 

Created On :   14 May 2018 9:14 AM GMT

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