ग्वालियर रेल हादसे को याद कर सिहर उठे यात्री, दर्द बयां किया

Gwalior train accident: passengers told full story
ग्वालियर रेल हादसे को याद कर सिहर उठे यात्री, दर्द बयां किया
ग्वालियर रेल हादसे को याद कर सिहर उठे यात्री, दर्द बयां किया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जान बचानी है, तो भागो...गाड़ी में आग लग गई है। कुछ समझने का मौका भी नहीं मिला। चीखते-चिल्लाते फौरन गाड़ी के बाहर भागे। आपा-धापी और शोरगुल के बीच अपनों के साथ सुरक्षित स्थान पर एकत्र हुए। विश्वास नहीं हो पा रहा था...पर खुशी इस बात की थी कि हम सकुशल बच गए। ये शब्द ट्रेन नंबर 22416 निजामुद्दीन-विशाखापट्टनम AP एक्सप्रेस में सवार यात्रियों के हैं।

यह ट्रेन मंगलवार सुबह 7.15 बजे नागपुर रेलवे स्टेशन पर 8 घंटे देरी से पहुंची तो अपनों को देख आंखें भर आईं। ग्वलियर रेलवे स्टेशन से लगभग 12 किलोमीटर दूर बिरला नगर रेलवे स्टेशन के पास सोमवार को इस एक्सप्रेस के दो एसी कोच बी 6 और बी 7 में लगभग 11.45 बजे आग लग गई थी। हालांकि इस हादसे में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ था। सभी को सकुशल ट्रेन से बाहर निकाल लिया गया था। यह गाड़ी नागपुर पहुंची तो हमने इसमें सवार यात्रियों से घटना को लेकर बातचीत की। यात्रियों का यही कहना था कि जान बच गई, हम खुदकिस्मत थे।

इटारसी में भी परेशानी 

यात्रियों ने बताया कि आग लगने से लेकर कोच को अलग करने और गाड़ी को आगे बढ़ाने में 3 घंटे से भी ज्यादा समय लगा। यात्रियों को दूसरे कोच में एडजस्ट किया गया। इस दौरान भारी परेशानी हुई। कई यात्रियों को जगह नहीं मिली। रात में इटारसी गाड़ी पहुंची तो कोच बदलने की मशक्कत की गई। फिर लगभग 2 घंटे लगे।

गाड़ी मध्यरात्रि में आनी थी 

मध्य रेलवे नागपुर मंडल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह गाड़ी नागपुर स्टेशन पर 2.30 घंटे लेट पहुंचने की जानकारी दी गई थी। गाड़ी का सही समय मध्यरात्रि 12.30 बजे है। ऐसे में मध्य रात्रि बाद 3 बजे इस गाड़ी को नागपुर पहुंच जाना था, लेकिन 8 घंटे लेट पहुंची।

उतर गए थे नागपुर आ रहे यात्री  

अधिकृत आंकड़ों के अनुसार, उपरोक्त गाड़ी में दिल्ली से नागपुर आनेवाले 37 यात्री थे। एसी-1 में 1, एसी 2 में 16 व एसी 3 में 20 यात्री थे। घटना के बाद ज्यादात्तर यात्रियों ने दहशत के मारे ट्रेन ही छोड़ दी। नागपुर स्टेशन पर 10 से भी कम यात्री उतरे।

यात्रियों ने बताई आंखों देखी  

राजकुमारी लालवानी ने बताया कि हमें नागपुर आना था। बी-5 कोच में रिजर्वेशन था। गाड़ी ग्वालियर के पास थी। हम सभी ने मिलकर नाश्ता किया था। मैं टिफिन बंद कर ही रही थी कि कोच अटेंडेंट चिल्लाने लगा- जान बचाना है, तो भागो, गाड़ी में आग लग गई है। हम फौरन गाड़ी के बाहर निकल आए।

भयानक मंजर था

कंचन खटवानी के मुताबिक हम बी-5 कोच में थे। अचानक बोगी में घना काला धुआं दिखने लगा। शोर मचाता कर्मचारी कहने लगा-आग लगी है, भागो खिड़की के कांच तोड़ो, निकलो बाहर। गिरते-भागते बाहर निकले। कुछ देर बाद दिखनेवाला मंजर डरावना था। बोगियों के भीतर से आग की लपटें खिड़कियों के बाहर आ रही थीं।

Created On :   22 May 2018 6:10 PM GMT

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