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व्यापमं: मेडिकल कॉलेज मालिकों की जमानत याचिका पर सुनवाई टली
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। व्यापमं घोटाले को लेकर सीबीआई की तरफ से दर्ज मामले में गिरफ्तारी से बच रहे 6 आरोपियों की जमानत अर्जियों पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई टल गई। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने 6 में से 5 आरोपियों की अर्जियों पर 6 दिसंबर और 1 आरोपी एनएम श्रीवास्तव की अर्जी पर 13 दिसंबर तक सुनवाई मुल्तवी कर दी है। ये अग्रिम जमानत अर्जियां पीपुल्स ग्रुप के कुलपति डॉ. विजय कुमार पंड्या, डॉ. दिव्य किशोर सतपथी, जय नारायण चौकसे, डॉ. अजय गोयनका, डॉ. विजय कुमार रमणानी और एनएम श्रीवास्तव की ओर से दायर की गई हैं। इन सभी को सीबीआई भोपाल ने व्यापमं घोटाले में आरोपी बनाया है।
भोपाल कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
गौरतलब है कि प्री-मेडिकल टेस्ट (PMT) 2012 में गड़बड़ी कर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने के मामले में भोपाल कोर्ट ने 23 नवंबर को रात 2 बजकर 41 मिनट तक सुनवाई हुई थी। जिसके बाद कोर्ट ने एसएन विजयवर्गीय, कैप्टन अम्बरीश, एस.एन श्रीवास्तव, डॉ. अजय गोयनका और डीके सत्पथी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सभी ने जबलपुर हाईकोर्ट का रुख किया था। इस मामले में 15 आरोपियों को जमानत दी गई थी।
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592 आरोपियों के खिलाफ पेश किया गया था चालान
23 नवंबर को CBI ने 592 लोगों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया lE। इसमें व्यापमं के पूर्व अधिकारी सहित कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के चेयरमैन शामिल थे। इस मामले में CBI की स्पेशल कोर्ट ने 15 आरोपियों को जमानत दे दी थी। ये वे आरोपी हैं जो चालान के वक्त अदालत में पेश हुए थे।
कैसे होती थी नकल ?
सामूहिक नकल के जरिए परीक्षा पास करने वाले छात्रों को परीक्षा में मदद के लिए खासतौर पर स्कोरर का चयन किया जाता था। स्कोरर मेडिकल की पढ़ाई में काफी महारत रखते थे, जिसकी वजह से वह आसानी पीएमटी परीक्षा में पूछे सवालों को हल कर पीछे बैठे छात्र या छात्रा को मेरिट में आने में मदद करते थे।
Created On :   4 Dec 2017 6:47 AM GMT