प्रधानमंत्री की फोटो एडिट कर अपलोड कराने वाले को कोर्ट ने लगाई फटकार, दी चेतावनी

HC given strict warning to a edited photograph pm and uploaded
प्रधानमंत्री की फोटो एडिट कर अपलोड कराने वाले को कोर्ट ने लगाई फटकार, दी चेतावनी
प्रधानमंत्री की फोटो एडिट कर अपलोड कराने वाले को कोर्ट ने लगाई फटकार, दी चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सार्वजनिक हस्तियों की तस्वीरें एडिट करके सोशल मीडिया पर प्रसारित करने वाले असामाजिक तत्वों पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर एडिट करके उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले एक व्यक्ति को हाईकोर्ट ने सख्त चेतावनी दी है। यवतमाल के मारलेगांव निवासी गुणवंत शंकरराव सूर्यवंशी (40) की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि यदि उसने वाकई ऐसी हरकत की है, तो यह दर्शाता है कि लोकतांत्रित प्रक्रिया में मिली आजादी का किसी प्रकार कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। इस प्रकार सार्वजनिक हस्तियों को आपत्तिजनक तरीके से दर्शाने से उन लोगों की छवि तुरंत और कभी न भरी जा सकने वाली क्षति होती है। आरोपी के अधिवक्ता पुरुषोत्तम पाटील और एड.सौरभ सिंघा ने कोर्ट को आश्वस्त किया  कि आरोपी  तुरंत यह आपत्तिजनक तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटा देगा और मोबाइल भी पुलिस थाने में जमा करा देगा। इसी शर्त पर कोर्ट ने उसे 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है। उल्लेखनीय है कि आरोपी के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा के स्थानीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत मैद ने उमरखेड़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप के खिलाफ भादवि 295, 501 और आईटी एक्ट धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

ह्मोस मिसाइल प्रकरण : सरकारी पक्ष की दलील आरोपी को जमानत न दें

नागपुर सत्र न्यायालय में  ब्रह्मोस मिसाइल प्रकरण के आरोपी निशांत अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी रही। इस बार सरकारी पक्ष ने कोर्ट में युक्तिवाद किया। सरकारी वकील नितीन तेलगोटे ने अग्रवाल की जमानत याचिका का विरोध किया। दलील दी कि आरोपी ने ब्रह्मोस से जुड़ी जो जानकारी  अपने लैपटॉप में रखी थी वह गैर कानूनी काम था। उसे जमानत मिलने से देश से फरार होने की भी आशंका है। इस पर कोर्ट ने बचाव पक्ष से उत्तर प्रस्तुत करने को कहा है। मामले में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

आरोपी की ओर से एड. प्रकाश जयस्वाल ने पक्ष रखा। एड. शुकृत सोहनी और एड. आशीष नायक ने सहयोग किया। 4 अक्टूबर 2018 को उत्तरप्रदेश एसआईटी ने नागपुर के उज्वल नगर स्थित निशांत अग्रवाल के घर पर छापा मारा था। एसआईटी ने उसके घर की तलाशी लेकर लैपटॉप और अन्य सामग्री जब्त की थी। पुलिस का दावा है कि आरोपी ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी गुप्त जानकारियां आईएसआई को दे रहा था। उसे हनी ट्रैप में फंसाया गया था। मामले में एसआईटी ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के अन्य वैज्ञानिकों से भी पूछताछ की थी। एसआईटी निशांत पर ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लखनऊ से जाया गया था।
 

Created On :   17 July 2019 7:01 AM GMT

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