एसपी-टीआई किशोरी को पेश करें या स्पष्टीकरण दें - हाईकोर्ट का बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर निर्देश

HC orders SP and TI to present the girl or present clarification
 एसपी-टीआई किशोरी को पेश करें या स्पष्टीकरण दें - हाईकोर्ट का बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर निर्देश
 एसपी-टीआई किशोरी को पेश करें या स्पष्टीकरण दें - हाईकोर्ट का बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर निर्देश

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने भोपाल एसपी और गांधीनगर थाने के टीआई को निर्दश दिया है कि अगली सुनवाई के दौरान या तो किशोरी को पेश करें या फिर कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें। जस्टिस जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने यह निर्देश बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 27 मई को नियत की गई है। 

पड़ोसी ने बनाया है बंधक : आरोप
महावीर बस्ती गांधीनगर भोपाल निवासी लक्षमण कुशवाहा की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया कि उसकी बेटी को पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने बंधक बनाकर रखा है। याचिका में कहा गया कि 24 मार्च 2019 को जब बंधक बनाया गया, तक तक वह 18 वर्ष से कम आयु की थी। अब उसकी आयु 18 वर्ष हो चुकी है। पिछली सुनवाई के दौरान एकल पीठ ने किशोरी को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी कोर्ट में हाजिर हुए।

जांच अधिकारी ने बताया कि किशोरी की तलाश करने का प्रयास किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर अधिवक्ता केके पांडे और नीलम गोयल ने तर्क दिया कि पुलिस किशोरी की तलाश करने का प्रयास नहीं कर रही है। इस पर कोर्ट ने जांच अधिकारी से पूछा कि नियमानुसार किसी नाबालिग के लापता होने पर कॉल डिटेल निकाली जाती है। मोबाइल नंबर ट्रेक करने का प्रयास किया जाता है। इस पर जांच अधिकारी ने कहा कि अभी मोबाइल नंबर से ट्रेक करने का प्रयास नहीं किया गया है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अवकाशकालीन पीठ ने अगली सुनवाई के दौरान के या तो किशोरी को पेश करें या फिर एसपी और टीआई कोर्ट में हाजिर स्पष्टीकरण दें।

नियमित दैवेभो को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त करने पर रोक 
हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जेएनकेविवि )  के नियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने जेएनकेविवि के रजिस्ट्रार और कार्यपालन यंत्री को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में पूछा है कि नियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को 60 वर्ष की आयु में क्यों सेवानिवृत्त किया जा रहा है। 

बेलबाग जबलपुर निवासी गिरधारीलाल विश्वकर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वह  1986 से निरंतर जेएनकेविवि में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के पद पर कार्यरत था। राज्य सरकार ने 7 अक्टूबर 2017 को आदेश जारी किया गया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई किया जाए। इस आदेश के परिपालन में जेएनकेविवि ने उसे 13 अगस्त 2018 को उसे स्स्थाई कर दिया। अधिवक्ता रमेश कुशवाहा और अंकित सक्सेना ने तर्क दिया कि नियमित सेवा में आने के साथ ही याचिकाकर्ता राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह 62 वर्ष तक सेवा में रहने का पात्र हो गया। इसके बाद भी जेएनकेविवि द्वारा उसे 30 जून 2019 को 60 साल में सेवानिवृत्त किया जा रहा है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने नियमित दैवेभो को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करने पर रोक लगाते हुए अनावेदकों से जवाब-तलब किया है।
 

Created On :   21 May 2019 7:48 AM GMT

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