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विलंब से वापस की सेवानिवृत्त प्राचार्य से की गई रिकवरी, 12 प्रतिशत ब्याज देने का आदेश
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि सीधी जिले के सेवानिवृत्त प्राचार्य से की गई रिकवरी वापस करने में किए गए विलंब पर 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करें। जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को 60 दिन में भुगतान करने का आदेश दिया है। एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को 5 हजार रुपए बतौर वाद व्यय भी देने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में सेवा निवृत्त प्राचार्य से गलत तरीके से रिकवरी की गई थी, जिसके लिए लगातार अभ्यावेदन भी उनके द्वारा दिया गया था। लेकिन अधिकारियों द्वारा इस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
गलत रिकवरी की गई
रीवा निवासी और कामराजी हायर सेकेंडरी स्कूल सीधी के सेवानिवृत्त प्राचार्य कन्हैयालाल सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वे वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने उनकी पेंशन से 93 हजार 406 रुपए की रिकवरी कर ली। उन्होंने कई बार अभ्यावेदन दिया कि उनसे गलत रिकवरी की गई है। डीपीआई द्वारा गलत तरीके से रिकवरी की गई है। इसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
12 प्रतिशत ब्याज व वाद व्यय दिए जाने के आदेश
वर्ष 2015 में जिला शिक्षा अधिकारी सीधी ने आयुक्त लोक संचालनालय को पत्र लिखा कि सेवानिवृत्त प्राचार्य से गलत तरीके से रिकवरी की गई। इसलिए उन्हें रिकवरी की गई राशि वापस देने की अनुमति दी जाए, लेकिन आयुक्त लोक संचालनालय द्वारा उन्हें राशि वापस करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने 31 अगस्त 2018 को रिकवरी की राशि वापस करने का आदेश दिया, लेकिन 1 अक्टूबर 2018 तक राशि वापस नहीं की गई। अधिवक्ता मानस मणि वर्मा के तर्क सुनने के बाद एकल पीठ ने सेवानिवृत्त प्राचार्य को रिकवरी वापस करने में विलंब के लिए 12 प्रतिशत ब्याज और 5 हजार रुपए वाद-व्यय देने का आदेश दिया है।
Created On :   12 Feb 2019 4:38 PM GMT