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हाईकोर्ट का सरकार से सवाल- बाल सुधार गृहों पर कितनी राशि होती है खर्च?
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पूछा है कि वह बाल सुधारगृहों के लिए बजट में कितनी निधि का प्रावधान करती है। राज्य भर में 820 सुधारगृह होने की बात को जानने के बाद अदालत ने सरकार को अगली सुनवाई के दौरान उपरोक्त जानकारी हलफनामे में पेश करने का निर्देश दिया। जस्टिस नरेश पाटील और जस्टिस नितिन सांब्रे की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
बालसुधार गृह में बुनियादि सुविधाओं का अभाव
याचिका में मुंबई के मानखुर्द इलाके में मानसिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए बालसुधार गृह में बुनियादि सुविधाओं के अभाव का मुद्दा उठाया गया है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि चिल्ड्रन एड सोसायटी के तहत चलने वाले इस बाल सुधार गृह में 350 बच्चों की देखरेख के लिए एक ही सहायक (अटेंडेंट) रखा गया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि इतने बच्चों के लिए एक ही सहायक क्यो रखा गया है, क्या वहां पर बच्चे भगवान भरोसे रह रहे है?
अलग-अलग सुधारगृहों में 60 पद रिक्त
खंडपीठ को बताया गया कि मुंबई के अलग-अलग सुधारगृहों में 60 पद रिक्त हैं। पद की मंजूरी के लिए समाज कल्याणआयुक्त के पास प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने समाज कल्याण विभाग आयुक्त को पदों को लेकर भेजे गए प्रस्ताव को जल्द से जल्द मंजूरी देकर सरकार के पास भेजने को कहा। जबकि राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के सचिव को कहा कि वे बालसुधार गृहों की स्थिति का जायजा लेने के लिए तीन अधिकारियों की कमेटी बनाए। इसके साथ ही मुंबई में नए बाल सुधार गृह बनाने के लिए जमीन खोजने का भी निर्देश अदालत ने दिया है।
बच्चों के लिए उचित चिकित्सकीय सेवा का हो इंतजाम
खंडपीठ ने यह निर्देश बालसुधार गृह में क्षमता से अधिक बच्चों को रखे जाने की बात को जानने के बाद दिया। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि बालसुधार गृह में रहनेवाले बच्चों के लिए उचित चिकित्सकीय सेवा का इंतजाम किया जाए। खंडपीठ ने कहा कि सरकार बताए कि बालसुधार गृह में रहनेवाले कितने बच्चों का पुनर्वास हुआ है। फिलहाल मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
Created On :   7 Feb 2018 1:34 PM GMT