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घायल नागिन का उपचार कराने 20 किलोमीटर दूर से अस्पताल लाए
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। कोबरा सांप को देखकर ही लोगों की सांसे अटक जाती हैं, लेकिन गुरूवार को एक घायल नागिन का उपचार कराने के लिए सर्प मित्र ने न सिर्फ हल्दी और सरसों के तेल से उसका प्राथमिक उपचार किया बल्कि नागिन का उपचार कराने उसे 20 किलोमीटर दूर पशु चिकित्सालय भी लेकर आए। गुरूवार को जिले के ग्राम उभेगांव में एक मकान निर्माण के लिए चल रही खुदाई के दौरान बिल में छिपी कोबरा प्रजाति की नागिन को गैंती लग गई।
नागिन के घायल होने की सूचना ग्रामीणों ने तत्काल उभेगांव के सर्प मित्र शेष कुमार जैन को दी। सर्प मित्र ने तत्काल नागिन को पकड़कर उसका देशी तरीके से उसका प्राथमिक उपचार किया और छिंदवाड़ा के सर्प मित्र हेंमत गोदरे की मदद से जिला पशु चिकित्सालय लेकर आए। गरुवार सुबह लगभग 11.45 बजे जिला पशु चिकित्सालय में डॉ प्राची चड्डा ने सर्प मित्रों के सहयोग से इस नागिन का उपचार कर उसके घाव भरने की दवा लगाई है। नागिन का उपचार पशु चिकित्सालय में लगभग एक घंटे तक चला। पशु चिकित्सक ने नागिन के घाव को साफ कर उसका बारीकी से उपचार किया।
फॉरेस्ट रेस्क्यू सेंटर में होगी निगरानी
पशु चिकित्सालय में नागिन के उपचार के बाद उसे वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है। रेस्क्यू सेंटर में घायल नागिन की देखभाल का जिम्मा सर्प मित्र हेंमत गोदरे को सौंपा गया है। आगामी तीन दिनों तक इस नागिन को निगरानी में रखा जाएगा और घाव ठीक हुआ तो उसे वापस जंगल में छोड़ा जाएगा।
घायल सर्प को चिंटियां कर जाती हैं चट
कहा जाता है कि सर्प के घायल होने या उसका खून निकलने के बाद सर्प का जिंदा रहना संभव नहीं है। सर्प के घायल होने और खून निकलते ही उसमे चटियां लग जाती हैं और फिर चिंटियां सर्प को ही चट कर जाती हैं। गुरुवार को पकड़ी गई नागिन का घाव भरा तो वह जिंदा रह सकेगी। घाव नहीं भरा तो उसका जिंदा रहना भी मुश्किल रहेगा।
इनका है कहना
नागिन के उपचार के बाद उसे वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है यहां पर तीन दिन तक रखकर नागिन की निगरानी की जाएगी।
हेंमत गोदरे, सर्प मित्र छिंदवाड़ा
घायल नागिन को पशु अस्पताल लाया गया था। घाव भरने के लिए उसका उपचार किया गया है, नागिन के घाव भरने की पूरी संभावना है इसलिए उसे तीन दिन तक निगरानी में रखा गया है।
डॉ. प्राची चड्डा, पशु चिकित्सक
Created On :   11 May 2018 7:45 AM GMT