हाई फैट वाली कीटो डायट वजन कम करने में करती है मदद
डिजिटल डेस्क । वजन कम करने की लाखों कोशिशों के बाद भी आपका वजन कम नहीं होता है तो आपको कीटो डायट फॉलो करनी चाहिए। इस डायट में फैट ज्यादा रखा जाता है। ये सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन कीटो डायट आपका वजन कम करने में काफी मददगार साबित होती है। इसमें फैट बढ़ाने के अलावा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बेहद कम कर दी जाती है। किटॉसिस बॉडी की ऐसी मेटाबॉलिक सिचुएशन है, जिससे बॉडी कार्बोहाइड्रेट के बजाय फैट के टुकड़ों को तोड़कर एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करता है। कीटो डायट को यूएस न्यूज और वर्ल्ड रिपोर्ट में 2018 की बेस्ट डायट लिस्ट में शामिल किया गया है। आइए डीटेल में जानते कीटो डायट के बारे में...
दही को भी केटॉजेनिक डायट के लिए काफी उपयोगी माना गया है। 150 ग्राम दही में सिर्फ 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 11 ग्राम प्रोटीन होता है।
एक बड़े अंडे में 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 6 ग्राम प्रोटीन होता है, जो कि केटॉजेनिक डायट के लिए बेस्ट है।
ऐवकाडो एक ऐसा फल है जिसमें लगभग 9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और कई विटमिन और खनिज के अलावा उच्च मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है।
इसके अलावा नट्स और सीड्स उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ लो कार्ब की श्रेणी में आते हैं। आप केटॉजेनिक आहार में बादाम, काजू, पिस्ता, चिया बीज, सन बीज आदि भी शामिल कर सकती हैं।
चीज को शामिल करें। चीज में कार्ब काफी कम मात्रा में होता है और फैट में हाई होता है। 28 ग्राम शेडर चीज में 1 ग्राम कार्ब और 7 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है।
ऐसी सब्जियां जिसमें स्टार्च नही हैं। इनमें कैलरीज और कार्बोहाइड्रेट कम होता है, लेकिन उनकी न्यूट्रिशस वैल्यू बहुत होती है। इसमें ब्रॉकली, फूलगोभी और पत्तागोभी शामिल है।
सीफूड खाएं। सैमन और अन्य मछलियों में विटमिन, पोटैशियम और सेलेनियम होता है जिसमें कार्ब नहीं होता।
कीटो डायट एक्सपर्ट की देखरेख में शुरू करें। एक बार बॉडी जब इसके लिए फिट हो जाए, तो आपको फिर इसमें एक्सपर्ट की राय की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह कहना है डायटिशियंस का, वो कहते हैं कि एक्सपर्ट की जरूरत इसलिए पड़ती है कि क्योंकि इस डायट को शुरू करने से 2-3 पहले से ही आपकी नॉर्मल डायट में बदलाव लाने शुरू करना पड़ता है। जब उनसे यह पूछा गया कि इस डायट के साइड इफेक्ट्स कितने हैं, तो वह बताती हैं कि बॉडी को किटॉसिस पर जाने में 4-5 दिन लगते हैं। तो हो सकता है कि इस दौरान आप थकान फील करें। लेकिन एक बार बॉडी इस डायट पर चली जाएगी, तो आप सुबह से शाम तक एनर्जेटिक फील करेंगी। वह कहती हैं कि यह डायट ओवरऑल आपको ग्लो देती है। चाहे बाल हों या स्किन। इस डायट से वजन काफी जल्दी कम होता है। कलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर सही रहता है। ज्यादा भूख नहीं लगती और एकाग्रता बढ़ती है।
आसान भाषा में इस डायट में ऐसा खाना खाया जाता है, जिसमें 70 से 80 प्रतिशत फैट, 10-20 प्रतिशत प्रोटीन और सिर्फ 5 प्रतिशत कार्ब्स होते हैं। इसको शुरू करने के 4 से 5 दिन बाद आपकी बॉडी किटॉसिस पर चली जाती है, जिससे भूख बेहद कम लगती है। ग्लूकोज और प्रोटीन की सही मात्रा न मिलने की वजह से शरीर किटॉसिस प्रोसेस शुरू कर देता है, जिसमें बॉडी का फैट पिघलकर एनर्जी में तब्दील होता है। इस डायट की खासियत यह है कि कम खाने के बाद भी बॉडी मसल्स पर असर नहीं पड़ता है।
डायटिशन एकता तिवारी बताती हैं कि ऐसा तब होता है जब आप एक दिन में 30 ग्राम से भी कम कार्बोहाइड्रेट डाइट लेते हैं। इस डायट में कार्बोहाइड्रेट कम होने से बॉडी फैट से मिली एनर्जी के द्वारा अपना काम करती है। यहां तक कि ब्रेन भी अपना काम इसी एनर्जी से चलाता है। वह बताती हैं कि इस डायट में कार्बोहाइड्रेट तो न के बराबर होता ही है, साथ ही शुगर की मात्रा भी 5 फीसदी से ज्यादा नहीं होती। इस डायट में हाई फैट, नॉर्मल प्रोटीन और कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जाता है।
Created On :   15 Jan 2018 4:14 AM GMT