नागपुर में मिली हार्ट ट्रांसप्लांट को मंजूरी, राज्य में मुंबई, पुणे व औरंगाबाद में होता था ट्रांसप्लांट

Heart transplant has been granted to New Ira Hospital in Nagpur
नागपुर में मिली हार्ट ट्रांसप्लांट को मंजूरी, राज्य में मुंबई, पुणे व औरंगाबाद में होता था ट्रांसप्लांट
नागपुर में मिली हार्ट ट्रांसप्लांट को मंजूरी, राज्य में मुंबई, पुणे व औरंगाबाद में होता था ट्रांसप्लांट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल हब के नाम से पहचानी जानी वाली संतरानगरी में और एक नया अध्याय जुड़ गया है। नागपुर में अब दिल हार नहीं मानेगा और ना ही उसकी धड़कन रुकेगी क्योंकि विदर्भ के अलावा आस-पास के क्षेत्र में पहली बार नागपुर के न्यू ईरा हॉस्पिटल को हार्ट ट्रांसप्लांट की अनुमति मिल गई है। इससे मरीजों को ट्रांसप्लांट के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा साथ ही नागपुर से ब्रेनडेड पेशेंट से मिलने वाले हार्ट को भी बाहर भेजने की जरुरत नहीं पड़ेगी। पिछले दो साल में नागपुर से 6 हार्ट को रिटराइव कर बाहर भेजा गया क्योंकि शहर में ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं थी। 

हर साल 50 हजार हार्ट की जरुरत
आधुनिक जीवनशैली में हार्ट की बीमारियों को बढ़ा दिया है और अब यह बीमारी 20 से 30 साल की उम्र के युवाओं मे भी देखने को मिल रही है। हैरानी की बात यह है कि हर साल करीब 50 हजार हार्ट पेशेंट को ट्रांसप्लांट की जरुरत होती है जबकि देशभर में 350 हार्ट ट्रांसप्लांट होने की संभावना है।

देश में कितने हुए ट्रांसप्लांट
2012- 19
2013- 25
2014- 54
2015- 110
2016- 208
नोट- 2017 से अब तक नागपुर जोन से अब तक 6 हार्ट रिटराइव हुए हैं।

हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक सुविधा
-    आईसीयू में 3 पॉजीटिव प्रेश रूम
-    आईसीयू में ही 2 डायलिसिस मशीन
-    ईकमो मशीन (एक्सट्राकोरपोरील मेमब्रांस ऑक्सीजीनेशन)
-    वेंटीलेटर में नाइट्रिक ऑक्साइड डिलेवरी सिस्टम
-    कैथ लैब में कार्डियक बाइप्सी की सुविधा


इनके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट की जरुरत पड़ती है
-    हार्ट की वाइपास सर्जरी
-    एंजियोग्राफी
-    वाल्वा रिपलेसमेंट
-    ऑटोमेटेड इंप्लांटेबल कार्डियोवेरटेर- डेफ्रीब्रीलेटर (एआईसीडी)
-    वाइवेट्रीकुलर पेसमेकर
-    लेफ्ट वेंट्रीकुलर असिस्ट डिवाइस
-    अंत में हार्ट ट्रांसप्लांट का विकल्प होता है।

3 मरीज है वेटिंग में
न्यू ईरा के संचालक कार्डियोवास्कुलर एवं थोरासिक सर्जन डॉ.आनंद संचेती ने गुरुवार को बताया कि उनके पास 3 मरीज वेटिंग में इसमें 2 मध्यप्रदेश के हैं। हार्ट ट्रांसप्लांट की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसे 4 घंटे के अंदर उसका ट्रांसप्लांट करना पड़ता है इसलिए बहुत कम समय होता है। पहले हार्ट ट्रांसप्लांट में हार्ट स्पेशलिस्ट पुणे के डॉ.मनोज दुराइराज एवं अहमदाबाद के धबल नायक शामिल होंगे। इसके बाद हम प्रक्रिया को नियमित रूप से कर सकते हैं। बहुत से ऐसे मरीज होते हैं कि जिनका हार्ट सिर्फ 20 फीसदी काम कर रहा होता है लेकिन उनके हार्ट फैल्यूर के सिमटम नहीं दिखते हैं जबकि कुछ मरीजों 20 फीसदी से अधिक हार्ट काम करने पर भी उन्हें चलने फिरने तक में परेशानी होती है। उनके साथ इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.निधीश मिश्रा, न्यूरोसर्जन डॉ.नीलेश अग्रवाल एवं इंटेशनसिविस्ट डॉ.अमोल कोकस उपस्थित थे।

ब्रेनडेड समिति में है ये शामिल
अस्पताल की ब्रेनडेड समिति की प्रभारी डॉ.अर्चना संचेती, न्यूरोसर्जन डॉ.नीलेश अग्रवाल, डॉ.विवेक अग्रवाल, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.पराग मून, फिजीशियन डॉ.पंकज ढोबले, डॉ.कीर्ति तन्ना शामिल हैं।

Created On :   26 April 2018 10:42 AM GMT

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