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दिवाली पर जबरदस्त पॉल्यूशन, विभाग ने रिपोर्ट को रखा गोपनीय
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दीपावली पर शहर भर में जमकर पटाखे फोड़े गए। करोड़ों रुपए खर्च किए गए। अब जानकारों का मानना है कि इस आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण इतना हुआ है कि फेफड़ों, अस्थमा और हृदय की बीमारी वाले लोगों को परेशानी होगी। यह रिपोर्ट सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को भेज भी दी गई है, पर इसका एक दूसरा पक्ष यह भी है कि आंकड़ा कितना सही आएगा, क्योंकि इसकी मॉनिटरिंग सिर्फ एक जगह से हुई। यदि शहर के विभिन्न हिस्सों से इसकी मॉनिटरिंग होती तो वायु प्रदूषण की मात्रा और अधिक हो सकती थी। मतलब, यह कि प्रदूषण दिखेगा कम, असर करेगा ज्यादा।
हरे-भरे क्षेत्र में था केंद्र
रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार 7 नवंबर को शहर के मात्र एक स्टेशन से एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु प्रदूषण) 169 दर्ज किया गया, जो पिछले साल 2017 से 6 और 2016 से 59 इंडेक्स अधिक है, जबकि यह स्टेशन शहर के हरे-भरे क्षेत्र महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ऑफिसर उद्योग भवन पर बनाया गया है। वहीं पार्टिकुलेटेड मैटर 10 (पीएम 10) दर्ज किया गया। प्रदूषण मामले पर माननीय उच्चतम न्यायालय के संज्ञान लेने के कारण शहर स्थित महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने रिपोर्ट को गोपनीय रखा है।
दिल्ली में 32, नागपुर में सिर्फ 1 स्टेशन से हुई रिपोर्टिंग
दीपावली पर दिल्ली के स्वास्थ्य को जानने के लिए 32 स्टेशन से रिपोर्टिंग दर्ज की गई, जिसमें देश की राजधानी में दीपावली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 390 रिकार्ड की गई। वहीं शहर में 5 स्टेशन होने के बावजूद नागपुर की रिपोर्टिंग सिर्फ एक स्टेशन से की गई। वह भी शहर के हरे-भरे क्षेत्र सिविल लाइंस में स्थित है, जबकि संतरानगरी का महल, इतवारी, धरमपेठ, सदर, सीताबर्डी, गड्डीगोदाम, वैशाली नगर, यशोधरा नगर, गांधीबाग, हंसापुरी आदि शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र है। लेकिन यहां से रिपोर्टिंग नहीं की गई, अन्यथा इंडेक्स संख्या अधिक दर्ज की जाती, क्योंकि एक ओर यहां आबादी अधिक होने से पटाखे ज्यादा फोड़े गए, तो वहीं दूसरी ओर यहां का प्रदूषण लेवल अधिक रहता है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में 455, गाजियाबाद में 422, ग्रेटर नोएडा में 410 और गुरुग्राम में 389 इंडेक्स दर्ज किया गया। वहीं नागपुर को छोड़कर इन अन्य शहरों में पार्टिकुलेटेड मैटर 2.5 रिकार्ड किए गए, जो सांस लेने पर अंदर चले जाते हैं।
मेटल पर होगा विश्लेषण
जानकारों के अनुसार दीपावली पर रोशनी वाले पटाखों को जमकर फोड़ा जाता है। रोशनी वाले पटाखों से मेटल निकलता है, इस मेटल पर विश्लेषण किया जाएगा। यह रिपोर्ट 22 नवंबर को आएगी, ऐसा बताया जा रहा है।
ध्वनि प्रदूषण हर बार की तरह
शहर में बने 10 स्टेशनों पर हर बार की तरह इस बार भी प्रदूषण दर्ज किया गया। सिर्फ कुछ स्थानों पर 10 बजे के बाद प्रदूषण कम होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय दीपावली पर 8 से 10 बजे तक फटाखे फोड़ने का समय तय किया था।
आंकड़े इस प्रकार हैं
2016 में
दीपावली के एक दिन पहले - 89
दीपावली के दिन - 110
एक दिन बाद - 108
दो दिन बाद - 110
तीन दिन बाद - 138
2017 में
दीपावली के एक दिन पहले - 135
दीपावली के दिन - 161
एक दिन बाद - 182
दो दिन बाद - 127
तीन दिन बाद - 120
2018 में
दीपावली के दिन - 169
तो नागपुर 5 साल में बन जाएगा दिल्ली
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी नागरिकों ने देर रात जमकर पटाखे फोड़े, इस वजह से प्रतिबंध का असर नहीं दिखाई दिया। पटाखों से प्रदूषण होने के एक विचार को न्यायालय ने दिया, जिससे लोगों को ध्यान में आया। इसके लिए जागरूक करने की आवश्यकता है। यदि अभी नहीं संभले तो अगले 5 साल में नागपुर भी दिल्ली बन जाएगी।
-कौस्तव चटर्जी, संस्थापक, ग्रीन विजिल फाउंडेशन
Created On :   9 Nov 2018 6:56 AM GMT