यवतमाल जिले के 10 गांवों में घुसा पानी, एम्बुलेंस में करानी पड़ी महिला की डिलेवरी

यवतमाल जिले के 10 गांवों में घुसा पानी, एम्बुलेंस में करानी पड़ी महिला की डिलेवरी
यवतमाल जिले के 10 गांवों में घुसा पानी, एम्बुलेंस में करानी पड़ी महिला की डिलेवरी
यवतमाल जिले के 10 गांवों में घुसा पानी, एम्बुलेंस में करानी पड़ी महिला की डिलेवरी

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। जिले में बुधवार रात से गुरुवार शाम तक मूसलाधार बारिश हुई। जिससे अधिकांश तहसीलों की नदियां उफान पर हैं। वहीं अगले 48 घंटों में जोरदार वर्षा होने की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है। जिला प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे बसे गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है। कई लोगों की गांव की स्कूलों और मंदिरों में रहने एवं भोजन की व्यवस्था की गई है। बारिश से हजारों हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई। इस बाढ़ के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान बताया जा रहा है।

आपदा प्रंबधन कक्ष ने बताया कि, बाढ़ के पानी के कारण वे क्षति का सर्वे भी नहीं कर पा रहें है। राजस्व राज्यमंत्री संजय राठोड़ ने दिग्रस तहसील के बाढ़ पीड़ित गांवों का दौरा कर संबंधित अधिकारियों को जिले के बाढ़ से क्षति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं। बारिश से पांढरकवड़ा के 70 घर ढह गए। उमरखेड़ के कोर्टा नाले के किनारे 100 घर खाली करवाए गए हैं। महागांव के वाकान में पानी घुसने से गांव के लोगों को स्कूल में रुकवाया गया है। जिले की 6 तहसीलों में ज्यादा बारिश हुई।

गुरुवार को बाढ़ के कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया था। लेकिन शुक्रवार को सभी रास्ते खुल गए। दिग्रस के 10 गांव पानी से घिर गए हैं। उनमें नांदगव्हाण, धानोरा खुर्द, विठाला, वरंदली, कांदली, निंबा, बेलोरा शामिल हैं। हरसुल में लोहे की पुलिया बह गई है। दिग्रस के धानोरा खुर्द का एक युवक बाढ़ में बह गया। अब तक उसका पता नहीं चल सका है। आर्णी के कई गांवों व शहर के कई घरों में पानी घुसने के कारण बड़ी क्षति हुई है।

बाढ़ के कारण एम्बुलेंस में करवाई प्रसूति
भारी बारिश के कारण रानीधानोरा गांव निवासी प्रसूता की डिलिवरी एम्बुलेंस में करावायी गई। ये मामला 16 अगस्त की शाम का है। रानीधानोरा गांव निवासी नंदा शंकर इंगोले की प्रसूति का समय करीब था। लेकिन बाढ़ के कारण रानीधानोरा से लोणबेहल पुलिया पर से पानी बह रहा था, जिससे यहां से एम्बुलेंस ले जाना मुश्किल था। ऐसे समय उन्होंने मोबाइल से लोणबेहल के डॉ. निरंजन जाधव से बात की। डॉ. जाधव ने प्रसूता को एम्बुलेंस तक लाने को कहा। इसके बाद कुछ लोगों ने मिलकर चेन बनाई और इसके बाद महिला को उठाकर पुलिया पार करवाई। ज्यादा समय लग जाने के कारण डॉ. जाधव ने अपने साथ लाई एम्बुलेंस में ही महिला की डिलिवरी कराई। 

 

Created On :   17 Aug 2018 7:13 PM GMT

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