28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात के लिए हाईकोर्ट ने नहीं दी अनुमति, विशेषज्ञ समिति ने कहा-जन्म के बाद बच्चे का इलाज संभव

High Court has not given permission for abortion of 28-week fetus
28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात के लिए हाईकोर्ट ने नहीं दी अनुमति, विशेषज्ञ समिति ने कहा-जन्म के बाद बच्चे का इलाज संभव
28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात के लिए हाईकोर्ट ने नहीं दी अनुमति, विशेषज्ञ समिति ने कहा-जन्म के बाद बच्चे का इलाज संभव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने एक महिला को 28 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत देने से इंकार कर दिया है। महिला ने दावा किया था उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण में काफी विसंगतिया हैं। इसलिए उसे गर्भपात की इजाजत दी जाए। महिला की याचिका पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने जेजे अस्पताल को महिला की जांच के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था। महिला की जांच के बाद विशेषज्ञ कमेटी ने हाईकोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी। नियमानुसार 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात अदालत की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है इसलिए महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

रिपोर्ट में साफ किया गया था कि महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की जान को बड़ा खतरा नहीं है। उसे जन्म के बाद जीवित रखा जा सकता है। उसकी विसंगतियों का इलाज संभव है। भ्रूण के खतरे को लेकर को मानक तय किए गए है।  याचिकाकर्ता का मामला उसके दायरे में नहीं आता है। इसके अलावा महिला के गर्भ में पल रहा भ्रूण 28 सप्ताह का हो गया है।  ऐसे में महिला को गर्भपात की सलाह देना उचित नहीं होगा। जस्टिस बीपी धर्माधिकारी व जस्टिस रेवती मोहिते ढेरे की बेंच के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने और विशेषज्ञ डाक्टर की कमेटी की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद महिला को गर्भपात की इजाजत देने से इंकार कर दिया।

Created On :   5 March 2019 5:14 PM GMT

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