हाईकोर्ट : रिटायर होने के बाद सरकारी घर पर कब्जा जमाने वाले इंजिनियर को राहत नहीं

High Court: No relief to engineers who occupy government house after retiring
हाईकोर्ट : रिटायर होने के बाद सरकारी घर पर कब्जा जमाने वाले इंजिनियर को राहत नहीं
हाईकोर्ट : रिटायर होने के बाद सरकारी घर पर कब्जा जमाने वाले इंजिनियर को राहत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त के बाद अवैध रुप से 23 महीने तक स्टाफ क्वाटर में रहने वाले मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक इंजीनियर को राहत देने से इंकार कर दिया है। समय पर स्टाफ क्वाटर न खाली करने के लिए मनपा प्रशासन ने सेवानिवृत्त इंजीनियर प्रकाश दामले को दंड के साथ किराए के रुप में 16 लाख 98 हजार 543 रुपए वसूले थे। यह रकम दामले को मिलनेवाले सेवानिवृत्त के लाभ से काटी गई थी। जिसे वापस करने की मांग को लेकर दामले ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 
न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी व न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि 31 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत्त हुए दामले को नियमानुसार 31 मार्च 2013 को स्टाफ क्वाटर खाली कर देना चहिए था। लेकिन दामल ने निजी परेशानी बताकर आग्रह किया कि नौ महीने तक उससे मकान खाली न कराया जाए। इस दौरान मनपा ने दामले को ठेके पर सलाहकार के रुप में नियुक्त कर लिया गया। नौ महीने तक मनपा ने दामले से सामान्य किराया ही वसूला और उन पर कोई दंड नहीं लगाया लेकिन जब दामले ने नवंबर 2015 तक मकान खाली नहीं किया तो मनपा ने दामले को दंड के साथ 18 लाख 98 हजार 543 रुपए किराए के रुप में भुगतान करने को कहा। इससे पहले मनपा ने किराए के रुप में दामले के सेवानिवृत्त लाभ से 16 लाख 98 हजार रुपए काट लिए थे। शेष रकम के संबंध में बात करने के लिए कार्यालय में बुलाया। 

याचिका में दामले ने दावा किया था कि मनपा ने मकान खाली न करने पर दंड के साथ किराया वसूल करने को कहा था लेकिन यह किराया कितना होगा इसकी जानकारी नहीं दी थी। ऐसे में किराए के रुप में इतनी बड़ी रकम वसूल करना अनुचित है। इससे असहमत खंडपीठ ने कहा मनपा ने याचिकाकर्ता को मकान खाली करने के संबंध में नोटिस दिया था लेकिन उसने नोटिस को तवज्जो नहीं दी। मनपा ने कोर्ट में भी साफ किया है कि उसके हजारों कर्मचारी स्टाफ क्वाटर के आवंटित होने का इंतजार करते हैं लेकिन याचिकाकर्ता के मकान खाली न किए जाने के कारण कई कर्मचारी मकान से वंचित रह गए हैं। मनपा के स्टाफ क्वाटर महानगर के काफी अच्छे इलाकों में है। जहां पर घर का किराया काफी ज्यादा है। मनपा याचिकाकर्ता से किराया वसूल  कर धनी नहीं होना चाहती है वह सिर्फ समय पर स्टाफ क्वाटर न खाली करने वाले लोगों को संदेश देना चाहती है। खंडपीठ ने कहा कि किराया वसूली के संबंध में हमे मनपा की ओर से दिए गए अादेश में कुछ गलत नजर नहीं आ रहा है। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को राहत देने से इंकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया। 

Created On :   28 Oct 2019 12:26 PM GMT

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