ई-सिगरेट निर्माता कंपनी को हाईकोर्ट ने दी राहत, एफडीए की कार्रवाई पर रोक 

High Court provide relief to E-Cigarette Producer Company
ई-सिगरेट निर्माता कंपनी को हाईकोर्ट ने दी राहत, एफडीए की कार्रवाई पर रोक 
ई-सिगरेट निर्माता कंपनी को हाईकोर्ट ने दी राहत, एफडीए की कार्रवाई पर रोक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने एक ई-सिगरेट निर्माता कंपनी को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने अन्न व औषध प्रशासन (एफडीए) को  ई-सिगरेट निर्माता कंपनी गॉडफ्रेय फिलिप्स इंडिया लिमिटेड (जीपीआई) के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया है। न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ ने जीपीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। याचिका में कंपनी ने एफडीए की ओर से 6 जुलाई 2019 को जारी की गई नोटिस को चुनौती थी। नोटिस में कहा गया था कि ड्रग्स व कास्मेटिक एक्ट व सिगरेट व अदर टॉबैको प्रोडक्ट कानून के नियमों के उल्लंघन के लिए कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। इसके साथ ही नोटिस में कंपनी का निरीक्षण करने की भी बात कही गई थी। कंपनी के मुताबिक ई-सिगरेट का इस्तेमाल न तो दवाई के रुप में किया जाता है और न इसमें तंबाकू पायी जाती है। लिहाजा ड्रग्स व कास्मेटिक कानून तथा अदर टॉबैको प्रोडक्ट कानून के नियम ई-सिगरेट पर लागू नहीं किए जा सकते हैं। 

कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि एफडीए ने केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत यह कार्रवाई की है। मंत्रालय के निर्देश के तहत सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में इलेक्ट्रानिक निकोटीन डिलेवरी सिस्टम के निर्माण, वितरण, बिक्री व संग्रह पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने माना है कि ई-सिगरेट पर ड्रग्स एंड कास्मेटिक कानून व अदर टॉबैको प्रोडक्ट कानून के प्रावधान लागू नहीं होते। उन्होंने कहा कि एफडीए ने मेरे मुवक्किल के ई-सिगरेट के उत्पात को जब्त कर लिया है। हमे आशंका है कि एफडीए इस मामले को लेकर आपराधिक मामला भी दर्ज करेगा। इसलिए कंपनी को अंतरिम राहत प्रदान की जाए। 

वहीं अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा पई ने कंपनी को किसी प्रकार की राहत देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में एफडीए को हलफनामा दायर करने का अवसर दिया जाए। पर खंडपीठ ने कंपनी को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी और कहा कि तब तक कंपनी के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। 
 

Created On :   26 July 2019 3:29 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story