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डॉक्टरों से रिकवरी पर हाइकोर्ट सख्त, राशि वापस करने निर्देश
डिजिटल डेस्क,भोपाल. हाइकोर्ट ने वेतनमान के फिक्सेशन में गलती का हवाला देकर डॉक्टरों से की गई रिकवरी को वापस करने के लिए कहा है। हाइकोर्ट ने इसे गलत करार देते हुए सरकार से कहा है कि रिकवरी की राशि छह महीने के अदंर लौटाई जाए। इस अवधि में राशि नहीं लौटाने पर सरकार को ब्याज भी देना होगा। बता दें कि सरकार ने प्रति डॉक्टर 8 से 10 लाख रुपए तक की रिकवरी की थी। इसमें 2200 डॉक्टर प्रभावित हुए थे।
जबलपुर के डॉक्टर सीपी तिवारी ने सरकार द्वारा की जा रही रिकवरी के खिलाफ जबलपुर हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। सीपी तिवारी के मुताबिक कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि रिकवरी की राशि वापस की जाए। उन्होंने बताया कि कुछ डॉक्टरों से छठे वेतनमान के एरियर से राशि की रिकवरी गई थी उसे लौटाना होगा। वहीं जो डॉक्टर रिटायर हो गए थे उनकी ग्रेज्युटी व अन्य मद से काटी गई राशि भी लौटाई जाए। मामले में मध्यप्रदेश के मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के संरक्षण डॉ. ललित श्रीवास्तव ने कहा कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। सीएम के वित्त विभाग के अफसरों से रिकवरी करने से मना करने के बाद भी वसूली जारी रखी।
क्या था मामला ?
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि 2008 से डॉक्टरों को नोशनल फिक्सेशन कर वित्तीय फायदा सभी डॉक्टरों को दिया गया था। वित्त विभाग ने 2012 में इस आदेश को निरस्त कर दिया। विभाग का कहना था यह आदेश गलती से जारी हो गया है, डॉक्टर्स कैडर में यह लागू नहीं होता। इसके बाद मप्र मेडिकल अीफीसर्स एसोसिएशन की ओर से कुछ डॉक्टरों ने हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी।
Created On :   7 July 2017 3:33 AM GMT