हाईकोर्ट ने कहा - दिव्यांगों के लिए लीक से हट कर सोचें, नहीं लगा सकते रैम्प रेलवे की दलील

High Court said - move away from the leak for divination
हाईकोर्ट ने कहा - दिव्यांगों के लिए लीक से हट कर सोचें, नहीं लगा सकते रैम्प रेलवे की दलील
हाईकोर्ट ने कहा - दिव्यांगों के लिए लीक से हट कर सोचें, नहीं लगा सकते रैम्प रेलवे की दलील

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि रेलवे लोकल ट्रेन के कोच व स्टेशनों को दिव्यांगो के अनुरुप बनाने पर विचार करे। इसके लिए वह लीक से हटकर सोचे। क्योंकि आज के दौर में तकनीक में काफी सुधार हुआ है। इससे पहले रेलवे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ किया कि उसके लिए ट्रेन को प्लेटफार्म में ज्यादा देर तक रोकना व दिव्यांगों के डिब्बों के डिजाइन में बदलाव संभव नहीं है। पिछले महीने हाईकोर्ट ने रेलवे से जानना चाहा था कि क्या उसके लिए दिव्यांगों के लिए आरक्षित डिब्बों के लिए रैंप लगा पाना संभव है? और क्या दिव्यांगों की सुविधा के लिए ट्रेन ज्यादा समय तक रोकी सकती है? कोर्ट के इस सवाल के जवाब में रेलवे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में साफ किया गया है कि यदि दिव्यांगो के कोच में रैंप लगाया जाता है तो इससे ट्रेन को ज्यादा समय तक रोकना पड़ेगा और ट्रेन ज्यादा समय तक रुकेगी तो इसका असर रेल सेवाओं पर पड़ेगा। जिससे ट्रेनों में भीड़ बढेगी और फिर दुर्घटनाएं होगी। 

इस पर मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने कहा कि हम अखबारों में रोजाना रेलवे से होनेवाली मौत व दुर्घटनाओं के बारे में पढते हैं रेलवे को इस समस्या का समाधान निकालना ही होगा। आप लीक से हटकर सोचिए आज विश्व में तकनीक में काफी सुधार व विकास हुआ है। इस दौरान खंडपीठ ने दिव्यांगों के लिए मोटरमैन के पीछेवाला डिब्बा दिव्यांगों के लिए आरक्षित करने को कहा। हाईकोर्ट में इंडियन सेंटर फार ह्युमेन राइट नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में रेलवे के प्लेटफार्म व ट्रेन के डिब्बों को दिव्यांगों के अनुरुप बनाने की मांग की गई है। 

 

Created On :   22 July 2019 3:13 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story