हाईकोर्ट ने कहा- महिला सुखी वैवाहिक जीवन बर्बाद नहीं करती,पत्नी को दें 3 हजार रुपए गुजारा

High Court said that no woman would ruin happy marriage life
हाईकोर्ट ने कहा- महिला सुखी वैवाहिक जीवन बर्बाद नहीं करती,पत्नी को दें 3 हजार रुपए गुजारा
हाईकोर्ट ने कहा- महिला सुखी वैवाहिक जीवन बर्बाद नहीं करती,पत्नी को दें 3 हजार रुपए गुजारा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में निरीक्षण कर कहा कि एक सुखी वैवाहिक जीवन को कोई भी महिला यूं ही समाप्त नहीं करती, इसके पीछे कोई ठोस वजह जरूर होती है। ऐसी परिस्थितियों में यदि पहली पत्नी के अलग हो जाने के बाद कोई पुरुष दूसरा विवाह भी कर लें, तो पहली पत्नी को निर्वाह भत्ता देना जरूरी है। इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने हनुमान नगर स्थित एक व्यक्ति को उसकी पहली पत्नी को 3 हजार रुपए प्रति माह निर्वाह भत्ता देने के आदेश जारी किए हैं। 
 

पिटाई से तंग आकर ससुराल छोड़ा
प्रकरण के अनुसार रवि और सुनंदा (परिवर्तित नाम) दोनों पति पत्नी एक साथ रहते थे, लेकिन उनके वैवाहिक जीवन में दरार आ गई और आए दिन दोनों में झगड़े होने लगे। पत्नी का आरोप है कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता था, जिससे तंग आकर वह पति से अलग रहने लगी थी। इसके बाद उसके पति ने दूसरा विवाह कर लिया। सुनंदा ने नियमों का हवाला देते हुए नागपुर के पारिवारिक न्यायालय में अर्जी लगाई और पति से निर्वाह भत्ता मांगा, परंतु पारिवारिक न्यायालय ने इस निरीक्षण के साथ उसकी अर्जी खारिज कर दी कि वह स्वेच्छा से पति से अलग रह रही थी। पति के खिलाफ उसने पारिवारिक न्यायालय के सामने कोई आरोप नहीं लगाए थे। इस मामले को सुनंदा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हाईकोर्ट को बताया कि पति की पिटाई से तंग आकर उसने अपना ससुराल छोड़ा था। हाईकोर्ट ने इस मामले के सभी पक्षों को सुनकर कहा कि इस दंपत्ति का एक बेटा भी था और कोई भी पत्नी इस प्रकार बगैर किसी ठोस कारण के अपनी शादी समाप्त नहीं कर सकती। वहीं मामले में पति एक अन्य महिला के साथ बीते दो वर्षों से रह रहा है। इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पत्नी के पक्ष में फैसला दिया है। 


 

Created On :   11 Feb 2019 10:00 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story