जेंडर देखकर नहीं होते एक्सीडेंट, महिलाओं को हेलमेट की छूट क्यों: हाईकोर्ट

जेंडर देखकर नहीं होते एक्सीडेंट, महिलाओं को हेलमेट की छूट क्यों: हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में रोजाना कहीं न कहीं हेलमेट न पहनने की वजह से एक्सीडेंट का शिकार हुए लोगों की मौत हो जाती है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे कई हेलमेट अवेयरनेस विज्ञपन दिखाए जाने के बाद भी लोग हेलमेट नहीं पहनते हैं और दुर्घटना का शिकार होकर उनकी मौत हो जाती है। अधिकतर पुलिस चेकिंग के दौरान देखा गया है कि महिलाओं को हेलमेट नहीं पहने रहने पर छोड़ दिया जाता है। इसी विषय पर हाईकोर्ट ने कहा कि मौत लिंग नहीं देखती, महिलाओं को हेलमेट से छूट क्यों दी गई है।

 

सख्ती से लागू हों नियम नियम

हाईकोर्ट ने महिलाओं को हेलमेट पर छूट देने पर हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि क्या मौत लिंग देखकर आती है या कोई गारंटी है कि महिलाओं का एक्सीडेंट नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि सबकी जान की कीमत बराबर होती है महिलाओं की खोपड़ी पुरुषों से अलग नहीं होती। कोर्ट ने प्रशासन ने इस पर जवाब के लिए समय मांगा। हाईकोर्ट ने हरियाणा और पंजाब में हेलमेट पहनने वालों की संख्या 10 प्रतिशत के बराबर बताते हुए कहा कि क्यों सख्ती से नियमों को लागू नहीं किया जा रहा है। 

 

अगली सुनवाई पर डीजीपी को हाजिर निर्देश

कोर्ट ने दोनों को अगली सुनवाई पर हेलमेट के किए गए चालानों का ब्यौरा सौंपने के आदेश दिए हैं। बता दें कि यह ब्यौरा न देने पर अगली सुनवाई पर डीजीपी को हाजिर रहने को कहा है। जस्टिस एके मित्तल एवं जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ कोर्ट के एक लॉ रिसर्चर अनिल सैनी द्वारा महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य बनाने की मांग को लेकर चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र को संज्ञान में लेकर सुनवाई कर रही है।

 

मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव की मांग

जानकारी के अनुसार, इस पत्र में अनिल सैनी ने चंडीगढ़ के एरोमा होटल के सामने एक स्कूटी और हरियाणा रोडवेज की बस एक्सीडेंट का जिक्र किया है। हाईकोर्ट से मांग की गई है कि जो महिलाएं खासतौर पर सिख महिलाएं जो पगड़ी नहीं पहनती हैं उनके लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाना बेहद ही जरूरी है। इसके लिए मौजूदा मोटर व्हीकल एक्ट में जरूरी बदलाव की मांग भी की गई है। 

 

पंजाब पुलिस ने चलाया था हेलमेट अभियान

उल्लेखनीय है कि 1998 में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट का प्रयोग अनिवार्य बना दिया था। इस फैसले में महिलाओं के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया था। इस फैसले के विरोध में सिख महिलाओं ने जोरदार विरोध किया था। हेलमेट के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राज्यभर में पंजाब पुलिस की मदद से "हेलमेट पहनिए, सुरक्षित चलिए" अभियान भी चलाया था। इस अभियान के तहत 27 फरवरी को जालंधर के हंसराज महिला महाविद्यालय (एचएमवी) के खेल मैदान में एक ही स्थान पर हजारों स्टूडेंट्स ने एक ही समय पर हेलमेट पहनने का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इसके अलावा विभिन्न जिलों में पुलिस के सहयोग से लोगों को जागरूक किया गया। 

Created On :   22 March 2018 6:31 AM GMT

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