DJ बजाने पर लगी रोक जारी, लावारिस वाहनों को लेकर सरकार को फटकारा

High Court upheld ban on playing,  HC rebutted to government on illegally parked vehicles
DJ बजाने पर लगी रोक जारी, लावारिस वाहनों को लेकर सरकार को फटकारा
DJ बजाने पर लगी रोक जारी, लावारिस वाहनों को लेकर सरकार को फटकारा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने DJ बजाने पर लगी रोक को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि माहौल में पहले से ज्यादा शोर होता है और दूसरे वाद्ययंत्रो के बजने से भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन हो रहा है सिर्फ इस आधार पर DJ व डाल्बी साउंड सिस्टम को बजाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने नियमों के तहत DJ पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया है। अदालत ने कहा कि जहां तक बात कारोबार करने के अधिकार की है तो इसकी इजाजत नियमों के तहत ही दी गई है। जस्टिस शांतनु केमकर और जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच ने गणेशोत्सव व नवरात्री के दौरान DJ व डाल्बी म्युजिक सिस्टम बजाने की अंतरिम अनुमति देने से इंकार कर दिया है। प्रोफेशनल आडियो एंड लाइटिंग एसोसिएशन ने इस विषय पर याचिका दायर की है। याचिका में सरकार की ओर से DJ व डाल्बी सिस्टम पर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गई है। बेंच ने फिलहाल याचिका को विचारार्थ मंजूर कर लिया है लेकिन एसोसिएशन को किसी प्रकार की अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही सरकार को इस मामले में चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। 

सुनवाई के दौरान एसोसिएशन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एसबी तलेकर ने कहा कि सरकार ने बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन के मनमाने तरीके से DJ व डाल्बी सिस्टम पर प्रतिबंध लगाया है। इससे मेरे मुवक्किल के कारोबार करने का अधिकार प्रभावित होता है। दूसरे पारंपरिक वाद्य यंत्रों से होनेवाले शोर के चलते भी ध्वनि प्रदूषण होता है और नियमों का उल्लंघन होता है कि लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सरकार के प्रतिबंध के चलते DJ के कारोबार से जुड़े लोगों के उपकरण सील किए जा रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस पर रोक लगाई जाए और मेरे मुवक्किलों को अंतरिम राहत के रुप में गणेशोत्सव व नवरात्री के दौरान DJ बजाने की अनुमति दी जाए। वहीं राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने बेंच के सामने DJ बजाने की अनुमति की मांग का जोरदार विरोध किया। उन्होंने कहा कि DJ बजने से व्यापक रुप से ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों का उल्लंघन होता है।मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने DJ पर लगी रोक को बरकरार रखा और DJ कारोबार से जुड़े लोगों को अंतरिम राहत देन से इंकार कर दिया। 

लावारिस वाहनों को हटाने की जिम्मेदारी मनपा पर सौपने से हाईकोर्ट नाराज, सरकार को लगाई फटकार

उधर लावारिस व अवैध रुप से पार्क किए गए वाहनों को हटाने कि कार्रवाई की जिम्मेदारी महानगरपालिकाओं पर थोपने के लिए बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने साफ किया कि ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का काम पुलिस दल व मोटर वेहिकल विभाग से जुड़े अधिकारियों का है। हमने इस संबंध में राज्य सरकार को दिशा-निर्देश बनाने को कहा था लेकिन सरकार ने अपनी जिम्मेदारी  महानगरपालिकाओं को सौप दी है। राज्य सरकार का यह रुख हैरानीपूर्ण है। सरकार हमे यह बताए की उसने ऐसा कौन से कानून के तहत किया है। सार्वजनिक जगहों पर अवैध रुप से पार्क किए जानेवाले लावारिस वाहनों के चलते होनेवाली परेशानी को आधार पर सामाजिक कार्यकर्ता टेकचंद खनचंदानी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि सड़कों पर लावरिस वाहन पार्क होने के चलते ट्रैफिक व पैदल चलनेवाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे सड़क पर गंदगी फैलती है और सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा होता है। 

याचिका पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह लावारिस व अवैध रुप से पार्क किए गए वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करे और ऐसे वाहनों के खिलाफ शिकायत के लिए व्यवस्था बनाए। शुक्रवार को जब यह मामला जस्टिस अभय ओक व जस्टिस अजय गड़करी की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया तो सहायक सरकारी वकील ने कहा कि हमने इस विषय में महानगरपालिकाओं को निर्देश दिया है कि वह लावारिस वाहनों के खिलाफ शिकायत को लेकर व्यवस्था बनाए और ऐसे वाहनों को अपने डंपिग यार्ड में रखे। इसके अलावा शिकायत के लिए लोगों को व्हाट्सएप व ईमेल का विकल्प दिया जाएगा। मामले को लेकर सरकार के रुख से नाराज बेंच ने कहा कि आखिर सरकार को यह उपाय सूझा कहा से कि वह इस मामले में महानगरपालिकाओं को जोड़े। ऐसा किस कानून के तहत किया गया है। बेंच ने कहा कि हम सरकार को अपनी गलती सुधारने व पुराने आदेश को लागू करने के लिए एक और मौका दे रहे हैं। यदि आगे सुधार नहीं हुआ तो हम मामले से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 

Created On :   21 Sep 2018 3:21 PM GMT

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