सस्ते जूते पहनकर दौड़ती हिमा को देखकर समझ गए थे कोच, भारत को मिल गया है नया सितारा
- 51.46 सेकंड में 400 मीटर की दौड़ पूरी कर हिमा ने देश को दिलाया है गोल्ड
- हिमा के चचेरे भाई ने रोका था लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने से
- हिमा के पहले कोई भी खिलाड़ी इस दौड़ में मेडल नहीं जीत सका है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व अंडर-20 एथलैटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर की दौड़ 51.46 सेकंड में पूरी कर भारत को गोल्ड दिलाने वाली हिमा दास को डायरेक्टोरेट स्पोर्ट्स के कोच निपन दास ने पहली बार डिस्ट्रिक्ट एथलीट मीट में देखा था। हिमा ने इस मीट में 100 और 200 मीटर में गोल्ड जीता था। निपन ने देखा कि हिमा के जूते अच्छे नहीं थे, इसके बावजूद उसने रिकॉर्ड समय में रेस जीती। उस दिन सस्ते जूते में हवा की तरह दौड़ती हिमा को देखकर कोच निपन समझ गए थे कि भारत को नया सितारा मिल गया है।
हिमा के चचेरे भाई जॉय दास ने बताया कि शारीरिक तौर पर मजबूत होने के कारण वह फुटबॉल पर हमारी तरह ही किक मारती है। मैंने उसे लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने से रोकना चाहा, लेकिन उसने कभी मेरी बात नहीं मानी। आज मैं बहुत खुश हूं कि हिमा ने भारत का नाम रोशन किया है। चार भाई-बहनों में हिमा सबसे बड़ी हैं। उनकी दो छोटी बहनें और एक भाई है। जुड़वा भाई और बहन तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं, जबकि एक छोटी बहन 10वीं कक्षा में है। हिमा अपने गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित ढींग के कॉलेज में 12वीं की छात्रा हैं। हिमा से पहले कोई भी महिला या पुरुष खिलाड़ी 400 मीटर की दौड़ में गोल्ड या कोई और मेडल नहीं जीत सका है।
चौथे स्थान पर रहे थे पीटी ऊषा और मिल्खा सिंह
हिमा दास से पहले पीटी ऊषा और मिल्खा सिंह का प्रदर्शन ही अच्छा रहा था। पीटी ऊषा ने 1984 ओलंपिक की 400 मीटर हर्डल रेस में चौथा स्थान हासिल किया था तो मिल्खा सिंह 1960 के रोम ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ में चौथे स्थान पर रहे थे। इसके अलावा कोई खिलाड़ी ट्रैक इवेंट में मेडल के करीब तक नहीं पहुंच सका है।
गांव वालों ने बड़ी स्क्रीन पर हिमा को दौड़ते देखा
हिमा दास को दौड़ते हुए उनके गांव वालों ने बड़ी स्क्रीन पर देखा। हिमा ने जैसे ही प्रतियोगिता जीती असम के नागोन जिले में स्थित कांदुलिमारी गांव के उनके घर पर पड़ोसियों और रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया। सभी ने इसका जश्न भी मनाया।
हिमा का मजाक उड़ाकर एएफआई ने मांगी माफी
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने स्वर्ण पदक विजेता हिमा दास की टूटी-फूटी अंग्रेजी का मजाक उड़ाने के बाद शुक्रवार को माफी मांग ली है। सेमीफाइनल में हिमा की जीत के बाद एएफआई ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर लिखा था, हिमा की अंग्रेजी बोलने की क्षमता सीमित है। एएफआई ने बुधवार को ट्विटर पर कहा था कि पहली जीत के बाद मीडिया से बात करते समय हिमा की अंग्रेजी उतनी अच्छी नहीं थी, लेकिन उन्होंने अच्छी कोशिश की, फाइनल में बेहतर प्रयास करें। इस ट्ववीट पर सफाई देते हुए शुक्रवार को एएफआई ने सफाई देते हुए कहा कि हमारा मकसद हिमा कि अंग्रेजी का मजाक उड़ाना नहीं था। हमारे ट्वीट से आपको चोट पहुंची है। हम सभी भारतीयों से माफी मांगते हैं।
Created On :   14 July 2018 7:54 AM GMT