बीमार होमगार्ड के जवानों को भेज दिया चुनाव कराने एक ने दम तोड़ा, आधा दर्जन अस्पताल में हुए भर्ती

Home guard died in a election duty, sick guards sent for duty
बीमार होमगार्ड के जवानों को भेज दिया चुनाव कराने एक ने दम तोड़ा, आधा दर्जन अस्पताल में हुए भर्ती
बीमार होमगार्ड के जवानों को भेज दिया चुनाव कराने एक ने दम तोड़ा, आधा दर्जन अस्पताल में हुए भर्ती

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। इसे मजबूरी कहा जाए या फिर हद दर्जे की लापरवाही वजह जो भी हो, लेकिन हकीकत यह है कि होमगार्ड के 500 जवानों को जब बैतूल चुनाव ड्यूटी के लिए जबलपुर से रवाना किया गया, तब उनकी सेहत पर तनिक भी फिक्र नहीं जताई गई। 3 दिन पहले शहर से रुखसत हुए जवान चंद घंटों बाद पस्त पड़ गए। इनमें से एक ने तो दम तोड़ दिया, बाकी के आधा दर्जन से ज्यादा अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। होमगार्ड सैनिक की मौत के बाद प्रशासनिक अमला सकते में है। बताया जाता है कि मंगलवार को बाकी जवानों का फिटनेस टेस्ट किया गया है। पता चला है कि जो जवान अनफिट पाए जाएंगे उन्हें वापस जबलपुर भेजा जाएगा।

सख्ती कहर बनकर टूटी-
गर्मी की बेरहमी और चुनाव की शक्ति सरकारी अमले पर कहर बनकर टूटी है। जानकारी के अनुसार जबलपुर के 520 होमगार्ड के सिपाहियों की टुकड़ी 3 तारीख को यहां से रवाना की गई। टुकड़ी का पहला पड़ाव बैतूल रहा है। सोमवार 6 मई को बैतूल चुनाव की जिम्मेदारी पहले से ही तय कर दी गई थी, लेकिन इसी बीच कुछ कर्मचारियों की सेहत में तेजी से गिरावट आई।

एक सिपाही ने दम तोड़ा-    
बैतूल पहुंचने के साथी होमगार्ड के कुछ सिपाहियों ने ड्यूटी को लेकर असमर्थता जताई थी। सूत्रों का कहना है कि उनकी सेहत पर गंभीरता नहीं दिखाई गई, नतीजतन एक कर्मचारी महेश दुबे कि दोपहर में अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह बेसुध हो गया। सहकर्मी उसे समीप के अस्पताल में ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके साथ ही आधा दर्जन से ज्यादा सिपाहियों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

होमगार्ड के सिपाहियों की हालत इसलिए भी बिगड़ी, क्योंकि उनकी ड्यूटी में रेस्ट की कोई गुंजाइश नहीं रखी गई है। जानकारों का कहना है कि जबलपुर चुनाव कराने के बाद इसी बल को बैतूल चुनाव के लिए रवाना कर दिया गया। इसके बाद टीम का अगला पड़ाव विदिशा तय किया गया है। 12 मई को ड्यूटी देने के बाद 19 मई के लिए खरगोन और बड़वानी की भी जिम्मेदारी इन्हीं पर डाली गई।

पूरा स्टाफ ड्यूटी पर तैनात-
होमगार्ड की स्थिति यह है कि पूरे स्टाफ को चुनावी ड्यूटी में झोंक दिया गया है। जानकारों का कहना है कि जबलपुर मुख्यालय में कुल 580 सिपाहियों का बल है। इनमें से 520 सिपाहियों को चुनाव में लगाया गया है, दफ्तर पूरी तरह से खाली है, क्योंकि बाकी के सिपाही बंगला और दफ्तर ड्यूटी पर पहले से ही तैनात हैं।

भरी दोपहर में चार रोटी और गर्म पानी मिला-
सिपाहियों की टुकड़ी की जिम्मेदारी प्लाटून कमांडर पीसी अहिरवार को सौंपी गई है। सूत्रों का कहना है कि 1 दिन पहले तक सिपाहियों को भरी दोपहर में खड़ा रखा गया। खाना के नाम पर चार रोटी और आलू की सब्जी दी गई। पीने के लिए हैंडपंप की तरफ इशारा कर दिया गया। सिपाही दबी जुबान से कहते हैं कि ड्यूटी बेहद संवेदनशील है, लेकिन इस काम में जुटी कर्मचारियों के साथ इतनी संवेदनहीनता भी सही नहीं। 

हमारे पास बल नहीं, मजबूरी है-
हमारे पास पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं है। मौजूदा हाल में स्थिति यह है कि दफ्तर में एक होमगार्ड का जवान तक नहीं बचा। हमने अपना एक साथी ही खो दिया है, लेकिन जो अस्वस्थ हैं उन्हें वापस जबलपुर बुलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
एन साहू, प्लाटून कमांडर, होमगार्ड

Created On :   7 May 2019 12:57 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story