12 सीटर स्कूल वाहनों को कैसे मिली परमिशन, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

How gave permission to 12 seat school vehicles, High court asked to government
12 सीटर स्कूल वाहनों को कैसे मिली परमिशन, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
12 सीटर स्कूल वाहनों को कैसे मिली परमिशन, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 12 सीट तक की क्षमता रखने वाले वाहनों को स्कूली बच्चों को ले जाने की अनुमति दिए जाने के मुद्दे पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने राज्य के परिवहन विभाग से जानना चाहा है कि किन परिस्थितियों में इस अनुमति से जुड़ा परिपत्र जारी किया गया है। इस संबंध में बुधवार को स्पष्टीकरण दिया जाए। जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की बेंच ने 9 अगस्त को सुनवाई के दौरान परिवहन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त को भी कोर्ट में उपस्थिति रहने का निर्देश दिया है।

बेंच ने यह निर्देश पैरेंटस टीचर्स एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील ने 19 मई 2018 को परिवहन विभाग ने एक परिपत्र जारी किया है। जिसके तहत 12 सीट तक की क्षमता वाले वाहनों को स्कूली वाहन के रुप में चलने की इजाजत दी गई है। इसी तरह से ऑटोरिक्शा व अन्य छोटे वाहनों को स्कूली वाहनों के रुप में चलाने की अनुमति दी गई है। जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन न करने वालों वाहनों को स्कूली वाहन के रुप में न चलने दिया जाए। सरकार के इस परिपत्र से आटोरिक्शा व दूसरे वाहन भी स्कूली वाहन के रुप में चलेगे। यह परिपत्र अदालत के आदेश की अनादर करता है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए गए परिपत्र पर गौर करने के बाद बेंच ने पाया कि परिवहन विभाग ने यह परिपत्र स्कूल वैन चालक-मालक संगठन (नागपुर) व अखिल महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी वाहतुक महासंघ(मुंबई) के निवेदन पर गौर करने के बाद जारी किया है। बेंच ने कहा कि सरकार इन संस्थाओं के निवेदन को सुन के ऐसे परिपत्र जारी कर अदालत के आदेश को बेअसर करने का प्रयास कर रही है। जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह कहते हुए बेंच ने सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी को इस परिपत्र पर सफाई देने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई नौ अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। 


 

Created On :   8 Aug 2018 2:25 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story