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छात्रा की अंकसूची और उत्तरपुस्तिका में दर्ज अंकों में कैसे आया अंतर - हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को नोटिस जारी कर पूछा है कि दसवीं की छात्रा की अंकसूची और उत्तरपुस्तिका में दर्ज अंकों में कैसे अंतर आ गया। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
तीन विषयों में कम अंक दिए गए
पाटन निवासी साक्षी पटेल की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वह वर्ष 2019 में दसवीं की परीक्षा में शामिल हुई थी। परीक्षा परिणाम में उसे कम अंक मिले। जब उसने अपनी उत्तरपुस्तिकाओं का अवलोकन किया तो जानकारी मिली कि उसे तीन विषयों में कम अंक दिए गए थे। उसे अंक सूची में अंग्रेजी में 44 अंक दिए गए थे, जबकि उत्तरपुस्तिका में उसे 54 अंक मिले थे। गणित में उसे 44 अंक दिए गए थे, उत्तरपुस्तिका में 55 अंक थे, इसी तरह हिंदी में उसे 55 अंक दिए गए थे, उत्तरपुस्तिका में उसे 68 अंक मिले थे। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि छात्रा को उत्तर पुस्तिका में मिले अंकों के आधार पर संशोधित अंक सूची दी जाए। एकल पीठ ने माशिमं को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है।
टेंडर घोटाले में नरोत्तम मिश्रा के पीए को सशर्त जमानत
हाईकोर्ट ने ई-टेंडर घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पीए वीरेन्द्र पांडे को सशर्त जमानत दे दी है। जस्टिस राजीव दुबे की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि वह न्यायालय की अनुमति के बिना देश के बाहर नहीं जा सकेगा। उसे अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा। इसके साथ ही ईओडब्ल्यू की जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करना होगा।
भोपाल निवासी वीरेन्द्र पांडे की ओर से दायर जमानत याचिका में कहा गया कि उसे ई-टेंडर घोटाले में 27 जुलाई 2019 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में है। याचिका में कहा गया कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है। उसके खिलाफ ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि उसकी ई-टेंडर घोटाले में संलिप्तता है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने वीरेन्द्र पांडे को सशर्त जमानत दे दी है।
Created On :   7 Sep 2019 8:25 AM GMT