नहीं सह पाया पत्नी का जाने का दुख, अंतिम संस्कार के बाद पती ने भी त्यागे प्राण

husband died in sorrow of death of his wife, his age was 66 years
नहीं सह पाया पत्नी का जाने का दुख, अंतिम संस्कार के बाद पती ने भी त्यागे प्राण
नहीं सह पाया पत्नी का जाने का दुख, अंतिम संस्कार के बाद पती ने भी त्यागे प्राण

डिजिटल डेस्क, स्लीमनाबाद/ कटनी। साथ जिएंगे साथ मरेंगे की कस्में खाते तो कई प्रेमी युगल या पति पत्नी को देखा सुना गया होगा किंतु यह कसम पूरी होते हुए कटनी के 25 किलोमीटर दूर स्लीमनाबाद के समीपी गांव खिरहनी में  देखने को मिली है । भौतिकवाद से भरे जीवन में पति-पत्नी के रिश्तों के बीच दरारों की खबर आम है। वहीं ऐसे भी उदाहरण सामने आते हैं जब पति-पत्नी एक दूसरे का विछोह बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। सात फेरों में जीने-मरने की कसम खाकर जीवन भर साथ निभाने वाले साथी की मौत के सदमे में ही प्राण तज देते है। ऐसा ही मार्मिक मामला स्लीमनाबाद के समीप ग्राम जगदीश पुरी खिरहनी में सामने आया है। जहां पत्नी की मौत का पति को ऐसा सदमा लगा कि अंतिम संस्कार से लौटने के कुछ घंटे बाद उसके भी प्राण पखेरू उड़ गए। एक ही दिन में जब एक घर से एक के बाद एक दो अर्थियां निकलीं तो गांव में भी मातम छा गया ।

4 घंटे बाद पति ने त्यागे प्राण
जग्गा यादव (66) की पत्नी शीलाबाई (64) की बीमारी के बाद मौत हो गई। अंतिम संस्कार करने के दौरान बेहद टूट चुके जग्गा यादव को लेकर परिजन घर तक पहुंचे लेकिन चार घंटे के भीतर पत्नी के वियोग में जग्गा यादव की भी मौत हो गई। जिससे परिवार सहित पूरे गांव में शोक छा गया। शाम को परिवार जनों और ग्रामीणों ने शीलाबाई की चिता के बाजू से जग्गा यादव की चिता बनाकर मुखाग्नि दी। पूरे क्षेत्र में पति-पत्नी की मौत का यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। पुत्र मंजू यादव और बबलू यादव ने बताया कि कभी-कभी दोनो के बीच बात-बात पर नोंक-झोंक भी होती रही लेकिन यह नोंक-झोंक घर की चहार दीवारी के बाहर नहीं गई।साथ जिएंगे साथ मरेंगे की कस्में खाते तो कई प्रेमी युगल या पति पत्नी को देखा किंतु यह कसम पूरी होते हुए  खिरहनी में  देखने को मिली है ।

 

 

Created On :   18 Sep 2018 8:00 AM GMT

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