कोरियर से भेजा सामान नहीं पहुंचा तो कोरियर संचालक को लौटाना होगा डाक शुल्क

if goods did not reach the destination  courier operator have to return the cost
कोरियर से भेजा सामान नहीं पहुंचा तो कोरियर संचालक को लौटाना होगा डाक शुल्क
कोरियर से भेजा सामान नहीं पहुंचा तो कोरियर संचालक को लौटाना होगा डाक शुल्क

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। शहर के बस स्टैंड के पास संचालित एक कोरियर से इंदौर सामान भेजा गया था। सामान गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंचा। इस पर कोरियर संचालक को वह राशि लौटाना होगी जो उसने सामान भेजने के लिए डाक शुल्क के रूप में वसूल की थी। आवेदक जिला उपभोक्ता फोरम में यह सिद्ध नहीं कर पाया कि कोरियर से जो सामान भेजा था उसका मूल्य कितना था। इस कारण आवेदक को गायब हुए सामान का मूल्य प्राप्त नहीं होगा। यह फैसला जिला उपभोक्ता फोरम ने सुनाया।

क्या है मामला
शहर के ब्रम्हकुमारी आश्रम के संचालित अविष्कार इंटरनेशनल टे्रडर्स के संचालक राजेन्द्र सिंह द्वारा 29 सितंबर 17 को शहर के गुप्ता लॉज के पास संचालित प्रोफेशनल कोरियर से इंदौर के लिए एक पैकेट भेजा। प्रोफेशनल कोरियर के संचालक राजेन्द्र साहू ने राजेन्द्र सिंह को भरोसा दिलाया कि वह सामान तीन दिन में इंदौर पहुंच जाएगा, लेकिन भेजा गया सामान इंदौर नहीं पहुंचा और गायब हो गया। राजेन्द्र सिंह ने इस पर प्रोफेशनल कोरियर के संचालक से 49 हजार 800 रुपए की मांग करते हुए कहा कि जो सामान उसने इंदौर भेजा था वह इलेक्ट्रानिक सामान था उसकी कीमत 49 हजार 800 रुपए थी। बार-बार रुपए की मांग करने के बाद भी जब राजेन्द्र सिंह को रुपए नहीं मिले तो उन्होंने एसपी छतरपुर व सिटी कोतवाली में शिकायती आवेदन दिया। इस पर भी जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो उन्होंने वकील के माध्यम से नोटिस भिजवाया। इसके बाद जिला उपभोक्ता फोरम में 9 जनवरी 18 को परिवाद प्रस्तुत कर दिया।

वाद व्यय व मिलेगा डाक शुल्क
जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष श्रीराम दिनकर, सदस्य संजय कुमार शर्मा और निशा गुप्ता ने दोनों ही पक्षों को सुना। दोनों के दस्तावेजों की जांच की। इसके बाद फैसला सुनाया कि प्रोफेशनल कोरियर के संचालक राजेन्द्र साहू आवेदक राजेन्द्र सिंह को पांच सौ रुपए सात प्रतिशत ब्याज की दर से अदा करें। इसके साथ ही 1060 रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और 500 रुपए वाद व्यय भी अदा करना होगा। ब्याज वाद प्रस्तुत करने की तारीख से देना होगा। तय की गई राशि का भुगतान फैसला आने के 45 दिवस के भीतर देना होगा।

 

Created On :   3 Dec 2018 8:02 AM GMT

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