शाह का इशारा- शिवसेना साथ आती है तो ठीक, नहीं तो अकेले चुनाव लड़ने की करो तैयारी

If Shiv Sena is not ready to Collation, prepare for Separate fighting - Shah
शाह का इशारा- शिवसेना साथ आती है तो ठीक, नहीं तो अकेले चुनाव लड़ने की करो तैयारी
शाह का इशारा- शिवसेना साथ आती है तो ठीक, नहीं तो अकेले चुनाव लड़ने की करो तैयारी
हाईलाइट
  • भाजपा के इस रूख के बाद शिवसेना के तेवर भी ढीले पड़ते दिख रहे हैं।
  • भाजपा शिवसेना के साथ युति तो चाहती है
  • परंतु ज्यादा दबाव झेलने को वह तैयार नहीं है।
  • लेकिन सूत्र बताते हैं कि भाजपा शिवसेना की अनाप-शनाप मांग मानने को तैयार नहीं है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तकरार के बावजूद शिवसेना और भाजपा के एक साथ रहने की संभावना है। सियासी जानकार भाजपा को लेकर शिवसेना की आक्रामकता को महज दबाव की रणनीति मान रहे हैं। उधर भाजपा शिवसेना का साथ तो चाहती है, लेकिन ज्यादा दबाव झेलने को वह तैयार नहीं है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र की प्रदेश इकाई से कहा है कि वह दोनों विकल्पों के लिए तैयार रहे। मतलब यदि शिवसेना साथ आती है तो ठीक अन्यथा अकेले चुनाव लड़ने को भी तैयार रहें। 

बिहार की तरह महाराष्ट्र में उदार नहीं होगी भाजपा
सूत्र बताते हैं कि भाजपा बिहार की तरह महाराष्ट्र में अपने सहयोगी दल के साथ उदारता बरतने के मूड में नहीं है। दरअसल मध्यप्रदेश सहित तीन राज्यों में भाजपा की हुई हार और बिहार में सहयोगी दलों जदयू और लोजपा की सीटों की बात मानने के बाद शिवसेना को लगा कि भाजपा महाराष्ट्र में भी यही लचीला रूख अपनाएगी। लिहाजा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी आक्रामकता बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘चौकीदार ही चोर है’ तक कह डाला, लेकिन सूत्र बताते हैं कि भाजपा शिवसेना की अनाप-शनाप मांग मानने को तैयार नहीं है। अमित शाह ने पार्टी सांसदों से भी कहा है कि भाजपा युति के पक्ष में है, लेकिन बात नहीं बनी तो फिर सभी सीटों की तैयारी रखनी है। 

भाजपा का साथ चाहते हैं शिवसेना के सांसद
भाजपा के इस रूख के बाद शिवसेना के तेवर भी ढीले पड़ते दिख रहे हैं। दरअसल शिवसेना के ज्यादातर सांसद भाजपा का साथ चाहते हैं। शिवसेना के एक सांसद ने कहा कि अलग लड़ने से हो सकता है कि पार्टी नेतृत्व की जिद पूरी हो जाए, परंतु पार्टी का नुकसान तो तय है। दूसरे सांसद ने तो यहां तक कहा कि यदि भाजपा साथ नहीं आती है तो फिर वे सोचेंगे कि चुनाव लड़ें या नहीं। इसके मद्देनजर शिवसेना सांसद संजय राउत ने आज यह कहकर भाजपा के साथ संबंध सामान्य करने का संकेत दिया है कि हम सिर्फ रफाल ही नहीं बल्कि अगस्ता वेस्टलैंड डील में भी संयुक्त संसदीय समिति की जांच चाहते हैं।

दरअसल शिवसेना लोकसभा के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी कराने के पक्ष में है ताकि दोनों चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा अभी हो जाए। शिवसेना को आशंका है कि लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा गच्चा दे सकती है। हालांकि भाजपा नेतृत्व भी दोनों चुनाव एक साथ कराने पर विचार कर रहा है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस इस पक्ष में नहीं है। 

आखिरकार साथ रहेंगे भाजपा-शिवसेना : पवार
राकांपा सुप्रीमों शरद पवार भी मानते हैं कि अंत में भाजपा और शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ेंगी। यहां अनौपचारिक चर्चा में उन्होने कहा कि पहले आक्रामकता और बाद में सहयोग शिवसेना की पुरानी आदत है। बाल ठाकरे के समय से यह हो रहा है। इसमें नया कुछ नहीं है। पवार ने बताया कि कांग्रेस और राकांपा के बीच सहमति बन चुकी है। सूत्र बताते हैं कि दोनों कांग्रेस को लोकसभा की 24-24 सीटें मिलेंगी और फिर ये अपने कोटे से छोटे-छोटे दलों को समायोजित करेंगे।
 

Created On :   3 Jan 2019 2:56 PM GMT

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