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RTO में बनाए जा रहे अवैध लाइसेंस, कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर परिवहन विभाग में अवैध वाहन लाइसेंस बनाया जा रहा है। शिवसेना ने आरोप लगाया है कि लाइसेंस प्रक्रिया को परिवहन कार्यालय के बजाय अलग से पूरा करने का काम किया जा रहा है। इस मामले में परिवहन अधिकारियों की भी लिप्तता है। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। लिहाजा इस मामले को लेकर न्यायालय में जाने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि राज्य में परिवहन विभाग की जिम्मेदारी शिवसेना के मंत्री संभाल रहे हैं। परिवहन मंत्री दिवाकर रावते नागपुर के संपर्क प्रमुख भी हैं। शिवसेना के मंत्री होने के बाद भी शिवसेना पदाधिकारियों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दावा किया जा रहा है कि जिस तरह कल्याण क्षेत्र में परिवहन विभाग का गुस्सा परिवहन विभाग पर फूटा उसी तरह नागपुर में भी हो सकता है। परिवहन विभाग के विरोध में तीव्र प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले शिवसेना के जिला प्रमुख प्रकाश जाधव व युवा सेना के उप जिला अधिकारी नितीन तिवारी के नेतृत्व में परिवहन विभाग के अधिकारियों को निवेदन सौंपा जा चुका है। युवा सेना के उप जिला अधिकारी नितीन तिवारी का दावा है कि जून, जुलाई, अगस्त व नवंबर 2017 में परिवहन कार्यालय नागपुर के बाहर कुल 51 गैर-सरकारी कंप्यूटरों से 1557 अवैध वाहन लाइसेंस जारी किए गए।
परिवहन कार्यालय नागपुर शहर में लर्निंग लाइसेंस जारी करने की नई प्रक्रिया लागू हुई है। आरटीओ अधिकारी एक कोड देता है, वह कोड नंबर लेकर अावेदक को कंप्यूटर के सामने बैठना होता है। कोड नंबर डालकर आॅनलाइन पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। उसी आधार पर पास या फेल का परिणाम आता है। जिस कंप्यूटर से आरटीओ अधिकारी द्वारा कोड दिया जाता है या जिस कंप्यूटर पर टेस्ट दिया जाता है, स्टाल कंडक्टेड रिपोर्ट में उस आवेदक को संबंधित कंप्यूटर का आईपी एड्रेस दिखाया जाता है। लेकिन ऐसे कई कंप्यूटर आईपी एड्रेस है जो कि परिवहन कार्यालय के लर्निंग लाइसेंस हाल के है ही नहीं।
Created On :   15 July 2018 11:04 AM GMT