शारदा मंदिर पहाड़ी में अवैध तरीके से बनाया गया बांध फूटा, सैकड़ों घरों में जलप्रलय

Illegally built dam on the Sharda Mata Temple got burst today
शारदा मंदिर पहाड़ी में अवैध तरीके से बनाया गया बांध फूटा, सैकड़ों घरों में जलप्रलय
शारदा मंदिर पहाड़ी में अवैध तरीके से बनाया गया बांध फूटा, सैकड़ों घरों में जलप्रलय

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मदन महल की शारदा देवी मंदिर पहाड़ी पर बसे लोगों के लिए शुक्रवार का दिन कयामत के दिन की तरह गुजरा। मछली पालने के लिए अवैध तरीके से बनाया गया कच्चा बांध सुबह करीब 9.30 बजे अचानक ही फट पड़ा। जिससे लाखों गैलन पानी तेजी से नीचे की ओर बह निकला। इस पानी ने ऐसा कहर ढाया कि कई मकानों की बाउंड्री टूट गई। मोटरसाईकिलें और कारें बह निकलीं, दर्जनों घरों में तीन से चार फीट पानी भरने से लोगों को लाखों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा। घरों के इलेक्ट्रिक आईटम के साथ ही अनाज, सोफा, पलंग, बिस्तर आदि खराब हो गए। सैकड़ों स्कूली बच्चों की जान पर बन आई पर शिक्षकों ने समझदारी दिखाते हुए उन्हें छत पर भेज दिया, जिससे वे सही सलामत रहे। विद्युत सब स्टेशन को भी क्षति पहुंची बस इतना शुक्र था कि पोल गिरे नहीं वरना यह हादसा बेहद गंभीर और जानलेवा हो सकता था।

शहीद गुलाब सिंह वार्ड के अंतर्गत शारदा देवी मंदिर के पीछे की ओर पहाड़ी पर ही करीब दो साल पहले मछली पालन करने वालों ने लगभग डेढ़ एकड़ तलैयानुमा भूमि पर कच्चा बांध बना दिया था। एक साल तो यह बांध काम कर गया पर पिछले दिनों शहर में हुई जोरदार बारिश से यह कच्चा बांध पूरी तरह भरकर छलकने लगा था। शुक्रवार की सुबह इसने पत्थरों और मिट्टी से बनाए अपने बंध तोड़ दिए। इसके बाद पानी की मोटी धार नीचे बस्ती की ओर बह निकली। सबसे पहले पानी ने कुछ कच्चे घरों को अपना शिकार बनाया और उन्हें एक ही झटके में बहा दिया। गरीबों की पूरी ग्रहस्थी पानी में गायब हो गई। इसके बाद सड़कों को नहर बनाती हुई यह धार पावन भूमि, शक्तिनगर, सैनिक सोसायटी और शारदा कालोनी में घुस गई।

मकानों की बाउंड्री ताश के पत्तों जैसी ढही
स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी का रूप इतनी विकराल था कि लगा जैसे पूरी कालोनी बह जाएगी। पानी का वेग बहुत तेज था। इसने व्हीएन चंदेल, प्रकाश नेमा, अशोक सोनी आदि के मकानों की बाउंड्री को कुछ ही पलों में उखाड़ दिया। भारी भरकम बाउंड्री की दीवारें सड़क तक बह गईं। इन्हीं मकानों के पास खड़ी मारुति कार काफी दूर तक पानी के साथ बहती हुई निकल गईं। कई घरों से मोटरसाईकिलें भी बहती हुईं नजर आईं।

पीपल का पेड़ गिरा, देवी मढ़िया सुरक्षित
बांध के पानी का बहाव इतना तेज था कि उसकी चपेट में आने से पीपल का एक बड़ा पेड़ गिर पड़ा, जबकि उसी से लगकर बनी देवी जी की मढिय़ा पूरी तरह सुरक्षित रही। उसके नीचे की मिट्टी जरूर बह गई। जिस जगह पर बांध के पानी की धार पड़ी वहां गहरा गड्ढा हो गया। पानी के साथ मिट्टी और चट्टानों के बड़े टुकड़े भी नीचे की ओर खिसकने लगे जिससे पानी का भार और बढ़ गया।

लोग सब छोड़ छतों पर भागे
स्थानीय जनों ने बताया कि बहते हुए पानी और दहशत में लोगों की चीखों ने ऐसा माहौल बनाया कि लगा आज सब खत्म हो जाएगा। जिसे जहां जगह मिली वह वहां भागा। घरों के अंदर जब पानी भरने लगा तो लोग सब कुछ छोड़कर छतों में भाग गए।

घरों में भरा 4 से 5 फीट पानी-
पावन भूमि और शक्तिनगर के हर घर में करीब 4 से 5 फीट पानी भर गया, किसी को इतना समय तक नहीं मिला कि वे जरूरत की सामग्री को बचा सकें। लोगों के कपड़े भीग गए, अनाज पूरी तरह खराब हो गया और घर पूरी सामग्री बर्बाद हो गई। कई घरों के खिड़की और दरवाजे भी पानी की धार का सामना नहीं कर पाए और टूटकर बह गए।

Created On :   11 Aug 2018 8:14 AM GMT

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