पुरानी लाइटों से नागपुर हो रहा रोशन, मनपा के पास नई लाइटें नहीं

Illumination being done from old lights in Nagpur - NMP does not new lights
पुरानी लाइटों से नागपुर हो रहा रोशन, मनपा के पास नई लाइटें नहीं
पुरानी लाइटों से नागपुर हो रहा रोशन, मनपा के पास नई लाइटें नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा बिजली के खंबों से उतारी गई (पुरानी) सोडीयम लाइटों को ही फिर से खंबों पर लगाकर शहर को रोशन करने का काम कर रही है। मनपा के पास नई सोडियम लाइटें नहीं है। बिजली की बचत के लिए LED लाइटें खरीदनी है। शहर में खंबों पर 1 लाख 37 हजार लाइटें लगी है। लाइट बंद होने पर उसे दुरुस्त कर काम चलाया जा रहा है। बिजली की बचत के लिए सरकार ने LED लाइट लगाने का निर्णय लिया हैै। शहर में खंबों पर जो सोडिटम लाइटें लगी है, उसकी जगह भविष्य में LED लाइटें लगाई जाएगी। मनपा इसके पूर्व 40 हजार LED लाइट सोडियम लाइट की जगह लगा चुकी है।

LED लाइट खरीदी का मामला विवादों में है। LED लाइट ऊंचे दाम पर खरीदने का आरोप है।  मामला कोर्ट में विचाराधीन है। सोडियम लाइटें काफी पुरानी होने से चालू-बंद होते रहती है। इन लाइटों को दुरुस्त किया जा सकता है। जो लाइट दुरुस्त हुआ वहां की समस्या हल हो जाती है। लाइट दुरुस्त नहीं होने पर गोदाम में पड़े पुराने (उतारे हुए) सोडियम लाइट को खंबों पर लगाया जाता है। यह लाइट कितने दिन काम करेगा, इसकी गारंटी नहीं है। गोदाम में पड़े अधिकांश लाइट अपनी आयु पूरी कर चुके है। यहीं कारण है कि शहर के अधिकांश हिस्सों में लाइटें बंद-चालू होते रहती है।

ठेकेदार भी नहीं दे रहे सहयोग 

मनपा की लाइटे लगाने का काम ठेकदार के माध्यम से होता है। ठेकेदारों का पुराना बिल अभी तक क्लियर नहीं हुआ। ठेकेदार पुराने बिल क्लियर करने का तकादा लगा रहे है। बिल नहीं मिलने से नाराज ठेकेदार नए लाइट लगाने को तैयार नहीं है। मनपा की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने से मनपा अधिकारी अपने स्तर पर नगदी में लाइट खरीदकर लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे।

सोडियम लाइटें पूरीतरह खराब नहीं हुई 

एस. बी. जैस्वाल, कार्यकारी अभियंता (बिजली विभाग) के मुताबिक जहां-जहां लाइटें बंद होने की शिकायतें मिलती है, उन लाइटों की दुरुस्ती की जाती है। सोडियम लाइटे पूरीतरह खराब नहीं हुई है। गोदामों में भी सोडियम लाइटे रखी हुई है। इन पुरानी सोडियम लाइटों को लगाया जाता है। कहीं लाइट का लैंप, चोक तो फिटींग खराब होती है। इन तकनीकी खराबी को सुधार लिया जाता है। जहां दुरुस्ती नहीं हो सकती आैर पुरानी लाइट लगाकर भी काम नहीं हो सकता, वहां नए लाइट भी लगा सकते है। अधिकांश स्ट्रीट लाइटे चालू स्थिति में है। शहर रोशन रहे इसलिए निरंतर प्रयास जारी है। 

Created On :   27 Sep 2018 4:29 PM GMT

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