अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पक्षद्रोही हुई महिला के खिलाफ अपराध दर्ज, आरोपी रिहा  

In case of kidnapping and gang rape case registered against hostile witness
अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पक्षद्रोही हुई महिला के खिलाफ अपराध दर्ज, आरोपी रिहा  
अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पक्षद्रोही हुई महिला के खिलाफ अपराध दर्ज, आरोपी रिहा  

डिजिटल डेस्क, सतना। अपहरण के बाद सामूहिक दुष्कर्म के 17 माह पुराने एक बहुचर्चित मामले में पक्षद्रोही हो जाने पर एट्रोसिटीज एक्ट के विशेष न्यायाधीश अजीत सिंह ने फरियादिनी के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में आईपीसी के सेक्सन 182, 193 और 211 के तहत अपराध दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। स्पेशल कोर्ट ने प्रकरण के विवेचन के दौरान पाया कि फरियादिनी ने अदालत के समक्ष न केवल झूठे आरोप और झूठे साक्ष्य पेश किए, बल्कि उसने आरोपियों को पहचानने से भी इंकार कर दिया। जबकि फरियादिनी ने स्वयं सिविल लाइन थाने में अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के 4 आरोपियों के विरुद्ध नामजद कायमी कराई थी। साक्ष्य के अभाव में अदालत ने जेल में बंद 3 आरोपियों को रिहा करने के आदेश भी दिए हैं। जबकि इसी मामले का एक आरोपी फरार है।

सुप्रीम कोर्ट का दृष्टांत, स्वप्रेरणा से फैसला 

पीआरओ फखरुद्दीन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आर. कुरुप्पन न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए एट्रोसिटीज एक्ट के विशेष न्यायाधीश अजीत सिंह की अदालत ने ये फैसला सुनाया है। झूठे आरोप और झूठे साक्ष्य पेश कर गुमराह करने और कानून का दुरुपयोग करने पर अदालत ने क्रिमिनल रीडर रामलाल वर्मा को अधिकृत किया है कि वे फरियादिया के खिलाफ आईपीसी के सेक्सन 182, 193और 211 के अंतर्गत सीजेएम कोर्ट में अपराध दर्ज कराएं।

क्या है पूरा मामला 

प्रकरण के मुताबिक 28 फरवरी 2018 को फरियादिनी ने सिविल लाइन थाने में आरोपी अखंड सिंह, रोहित उर्फ अमित गर्ग, अजय उर्फ दादू सिंह और धीरेन्द्र चौहान उर्फ धीरु के खिलाफ इस आशय की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी,कि वो जब रात साढ़े 10 बजे स्कूटी से अपने घर जा रही थी तभी बीच रास्ते में आरोपियों ने उसका अपहरण कर लिया और एक कमरे में ले गए। आरोपियों ने सामूहिक रुप से उसके साथ ज्यादती की और फिर उसकी बेदम पिटाई कर कुएं में फेंक दिया था। जैसे-तैसे उसकी जान बची। फरियादिनी की शिकायत पर पुलिस ने चारो आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की दफा 294, 307, 394 , 366 ,376 डी, 506 बी और एससी-एसटी एक्ट की धारा-3 (2) 5  के तहत अपराध करते हुए आरोपी अखंड , रोहित और अजय को गिरफ्तार कर लिया जबकि एक अन्य आरोपी धीरेन्द्र फरार हो गया। एट्रोसिटीज एक्ट की स्पेशल कोर्ट ने जेल में बंद तीनों आरोपियों को रिहा कर दिया है।
 

Created On :   2 Aug 2019 8:22 AM GMT

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