सारेआम हो रही थी अफीम की खेती, भनक लगते ही पुलिस ने दी दबिश, जब्त किए 14300 पौधे

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
सारेआम हो रही थी अफीम की खेती, भनक लगते ही पुलिस ने दी दबिश, जब्त किए 14300 पौधे

डिजिटल डेस्क, डिंडोरी। गाड़ासरई के पास स्थित पत्थरकुचा गांव में एक किसान के खेत में लहलहा रही अफीम की अवैध फसल पर पुलिस ने छापा मारा। पुलिस ने खेत में लगे 14 हजार 300 अफीम के अवैध पौधे जब्त कर जांच शुरू कर दी है। नर्मदा किनारे स्थित इस गांव में पिता की जमीन पर पुत्र ने अपने खेतों में लगभग दस लाख से अधिक की कीमत की अफीम की फसल लगाई थी। कार्रवाई से मौके पर हड़कंप की स्थिति निर्मित रही।

घेराबंदी कर किया गिरफ्तार
पुलिस ने विशेष अभियान में एनपीडीसी एक्ट के तहत अफीम की फसल बरामद कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस बताया कि जा रहा है कि करीब पौन एकड़ जमीन में हजारों की संख्या में अफीम की फसल लहलहा रही थी, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपए की बताई जा रही है। मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली थी कि गांव में अवैध रूप से अफीम की खेती हो रही है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने छापा मारकर कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र को घेर लिया। जिसके बाद फसल को उखाड़ने की कार्रवाई करते हुए इसे जब्त भी कर लिया है।

दवाई के लिए खेती की बात
जानकारी के अनुसार यहां एक ग्रामीण के घर के पीछे बनी बाड़ी जो कि नर्मदा नदी से लगी हुई है, वहां पर यह फसल लहलहा रही थी। घर के पीछे अफीम की अवैध खेती पर जैसे ही पुलिस ने छापा मारा और यहां आरोपी मकरंद व उसके पिता मान सिंह से पूछताछ की तो उसने प्राथमिक पूछताछ में दवाई के लिए खेती करने की बात कही। पुलिस ने यहां लगी फसल को उखाड़ने की कार्रवाई करते हुए पूरा मामला जांच में लिया है।

अनूपपुर से जुड़े तार
पुलिस इतनी बड़ी तादाद में अफीम गांजा की फसल तैयार करने के मामले में तस्करी के किसी बड़े गिरोह का हाथ होने का अंदेशा जता रही है। पुलिस का कहना है कि इतनी बड़ी तादाद में फसल बोने से लेकर उसे तैयार करने में महज एक आदमी का हाथ नहीं हो सकता।। पौधों में डोडे पर चीरा लगाकर अफीम निकालने की पूरी तैयारी थी। जिस वजह से पुलिस भी इन आरोपियों को इस खेल में शातिर मान रही है।

बताया जाता है कि होली के बाद डोडा में चीरा लगा कर तस्कर अफीम का दूध निकालने वाले थे, जबकि बचे हुए डोडा से डोडा पोस्त बनाने वाले थे। अनुमान है कि एक अफीम के पौधे में चीरा लगाने के बाद 5 से 10 ग्राम अफीम का दूध मिल जाता है, जिसे बाद में तस्कर पांच से दस गुना अफीम तैयार करते हैं। पुलिस ने खेत से 14 300 अफीम के पौधे बरामद किए हैं। इस तरीके से इन पौधों से 90 किलो से अधिक दूध निकलता। गौरतलब है कि प्रति एकड़ पोस्ते की खेती से लगभग 40 किलो अफीम का उत्पादन होता है। स्थानीय बाजार में इसका मूल्य करीब 40 हजार रुपये प्रति किलो की दर से 16 लाख होता है, जबकि बाहर के बाजार में 40 किलो अफीम का मूल्य करीब 40 लाख रुपये हो जाता है।

Created On :   26 March 2019 5:05 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story