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343 कुओं का पानी फेंककर कर दी खानापूर्ति, फिर बजबजाया कचरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस बार पर्याप्त बारिश नहीं होने से जलाशयों में आवश्यकता अनुसार जल संग्रहण नहीं हुआ है। जिस कारण इस साल गर्मियों में पानी का संकट गहराएगा। नागपुर शहर में कुल 784 में से 543 कुओं की स्थिति इस्तेमाल योग्य है। जलप्रदाय समिति ने सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग को 343 कुओं को साफ करने के लिए प्रस्ताव दिया था, लेकिन इन कुओं को साफ न करते हुए सिर्फ पानी बाहर फेंकने का मामला सामने आया है। इस पर महापौर नंदा जिचकार ने नाराजगी जताते हुए आगामी सप्ताह भर में आयुक्त को समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
मनपा स्थित स्थायी समिति सभागृह में पीने की पानी की उपलब्धता और जल भंडारण संदर्भ में महापौर नंदा जिचकार की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में उपमहापौर दीपराज पार्डीकर, आयुक्त अभिजीत बांगर, जलप्रदाय समिति सभापति विजय झलके, उपनेता बाल्या बोरकर, वरिष्ठ नगरसेवक सुनील अग्रवाल, नगरसेविका संगीता गिर्हे, अपर आयुक्त राम जोशी, अजीज शेख, अधीक्षक अभियंता (लोककर्म) मनोज तालेवार, कार्यकारी अभियंता (जलप्रदाय) प्रदीप राजगीरे, सहायक आयुक्त प्रकाश वराडे, अशोक पाटील, महेश मोरोणे, सुवर्णा दखने, स्मिता काले, ओसीडब्ल्यू के श्री. रॉय, श्री. सिंग, श्री. कालरा, राहुल कुलकर्णी आदि उपस्थित थे।
महापौर जिचकार ने कहा कि, नागपुर शहर को पेंच जलाशय से जलापूर्ति की जाती है। इसके अलावा गोरेवाड़ा जलाशय से अतिरिक्त पानी दिया जाता है। इस बार पेंच जलाशय में पानी का भंडारण कम हुआ है। शहर में 784 कुएं और 4900 बोरवेल हैं, लेकिन इस बार पानी का उपयोग कम प्रमाण में हो रहा है। कुएं और बोरवेल में भी पानी की जांच आज तक नहीं की गई। इस पानी की जांच के लिए क्या नियोजन किया गया है, इस संबंध में भी महापौर ने जानकारी मांगी। बोरवेल और कुओं में पानी की जांच कर बोरवेल को लाल और हरा रंग दिया जाए। इसके अलावा संबंधित स्थानों पर फलक लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। महापौर ने कहा कि, कुएं और बोरवेल के पानी की जांच के लिए कर्मचारी नियुक्त कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि, इससे नागरिकों को सहजता से पीने का पानी मिल सकेगा।
Created On :   27 Nov 2018 6:13 AM GMT