इस गांव में दो वर्ष से नहीं बजी शहनाई, भीषण सूखे से जूझ रहे लोग

In this drought-hit village, there is no marriage from two years
इस गांव में दो वर्ष से नहीं बजी शहनाई, भीषण सूखे से जूझ रहे लोग
इस गांव में दो वर्ष से नहीं बजी शहनाई, भीषण सूखे से जूझ रहे लोग

डिजिटल डेस्क, गोंदिया।  भीषण सूखे से जूझ रहे इस गांव की दास्तां ही अजीब है। इस गांव में पिछले दो वर्षों से शहनाई नहीं बजी है। अतिसंवेदनशील नक्सलग्रस्त देवरी तहसील से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित राजमडोंगरी नाम है इस गांव का। इस ग्राम में गत दो वर्षों से भीषण सूखे का प्रकोप छाया हुआ है। इसका विपरित परिणाम यहां पर निवास करने वाले विवाह योग्य युवक-युवतियों पर पड़ रहा है। गत दो वर्षों से विवाह रद्द किए जा रहे है। इसका मुख्य कारण बताया गया है कि लगातार ग्रामवासी सूखे की चपेट में आने से उनके पास विवाह करने के लिए पैसा ही नहीं है।  

50 परिवार करते हैं निवास
देवरी तहसील अंतर्गत राजमडोंगरी  ग्राम आता है। इस ग्राम में लगभग 50  परिवार निवास करते है। राजमडोंगरी ग्राम यह आदिवासी बहुल है। यहां के ग्रामवासी खेती पर ही निर्भर है। ऐसे में गत दो वर्षों से अल्प वर्षा होने के कारण यहां के किसानों को भारी नुकसान सहन करना पड़ा। धान की फसल नहीं होने से उन पर आर्थिक समस्या आन पड़ी है। अपना उदरनिर्वाह करने के लिए यहां के ग्रामवासी निजी साहूकार एवं बैंकों से कर्ज लेकर अपनी दिनचर्या चला रहे है। वर्ष 2017-18 में भी अल्प वर्षा होने के कारण धान की फसल नष्ट हो गई। जिस वजह से यहां के ग्रामवासी फिर से कर्जदार बन गए हैं।

जनप्रतिनिधि व प्रशासन ने नुकसान मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन किसी भी ग्रामवासी को इसका लाभ नहीं पहुंचा। लगातार दो वर्षों से सूखे की स्थिति से यहां के विवाह योग्य युवक-युवतियों के भविष्य पर विपरित परिणाम हो रहा है। बताया गया है कि आर्थिक तंगी के कारण न तो यहां के युवक ब्याह कर रहे है ना ही युवतियों को वर मिल रहे हैं। इस वर्ष 7 विवाह योग्य युवक-युवती विवाहबंधन में बंधने वाले थे, लेकिन धनराशि नहीं होने से उनके विवाह रद्द कर दिए गए है। इस तरह की भयानक स्थिति का सामना यहां के ग्रामवासियों को करना पड़ रहा है। 

इसलिए किया गुड्डे-गुडिय़ों का ब्याह 
ग्रामवासियों को अब यह डर सताने लग गया है कि गत दो वर्षों से ग्राम के विवाह योग्य युवक-युवतियों के विवाह नहीं होने से कहीं बाधा निर्माण न हो जाए। इस कारण ग्रामवासियों ने 10-10 रुपया का चंदा इकट्ठा कर 30 अप्रैल को ग्राम में गुड्डे-गुडिय़ों का विवाह रचाकर पारंपारिक पद्धति से विवाह संपन्न कराया। इस अनोखे विवाह में सामाजिक कार्यकर्ता सहेषराम कोरोटे के साथ ग्राम के तेजराम कुंभरे, दिगंबर चौधरी, धनराज बहेकार, सावलराम गायधने, कैलाश तडपते, दिलीप गायधने, रतन मडावी, श्यामलाल कुंभरे, उमेश टेकाम, रमेश टेकाम, मोाहन भलावी सहित पूरे ग्रामवासी विवाह में शामिल हुए थे।

आर्थिक संकट का कर रहे सामना
लगातार दो वर्षों से अल्पवर्षा होने के कारण कृषिकार्य नहीं हो रहे हैं। लगाए हुए धान उग नहीं रहे। जिसके चलते पूरे ग्राम में सूखे की स्थिति निर्माण हो गई है। शासन से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली है। एक ओर इस परिस्थिति में परिवार का पालन पोषण करना कठिन हो रहा है। ऐसे में विवाह जैसे आयोजन कैसे कर पाएंगे?  ( रतन मडावी, ग्रामवासी, राजमडोंगरी) 

रोजगार करवायेंगे उपलब्ध 
ग्रामीणों ने समस्या से मुझे अवगत कराया है। अल्पवर्षा होने के कारण फसल नहीं होने के चलते ग्रामीणों को ग्राम में ही रोजगार उपलब्ध हो इस उद्देश्य को लेकर मनरेगा के तहत तालाब गहराईकरण का कार्य शुरू किया गया है। यदि इस वर्ष भी इसी तरह की स्थिति निर्माण होती है तो शासन की ओर से विशेष व्यवस्था इस ग्राम के लिए करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।  ( संजय पुराम, विधायक आमगांव विधानसभा क्षेत्र) 

Created On :   14 May 2018 7:11 AM GMT

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