उप्र में जलदोहन करने वाले को मिलेगी कड़ी सजा

In Uttar Pradesh, a drowner will get severe punishment
उप्र में जलदोहन करने वाले को मिलेगी कड़ी सजा
उप्र में जलदोहन करने वाले को मिलेगी कड़ी सजा

लखनऊ, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार गिरते भूजल स्तर पर काफी चिंतित दिख रही है। ऐसे में उसने गुणवत्ता और स्थायी समाधान के लिए उत्तर प्रदेश यूपी भूजल प्रबंधन एवं विनियमन अधिनियम 2019 (यूपी ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट-2019) को लागू कर दिया गया है। इस एक्ट का उल्लंघन करने वालों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान भी बनाए गए हैं।

इस एक्ट के लागू होने से जहां एक ओर जल बर्बादी रुकेगी, तो वहीं दूसरी ओर जलसंरक्षण के काम में तेजी आएगी। इस एक्ट के माध्यम से सरकारी कार्यालयों और विभागों में रेन हार्वेस्टिंग प्रणाली लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही जल दोहन करने वाले लोगों को कड़ी सजा मिलेगी।

भूगर्भ जल विभाग निदेशक वीके उपाध्याय ने बताया, प्रदेश में बहुत क्षेत्रों में लगातार गिर रहे भूजल स्तर और प्रदूषित हो रहे भूजल के स्थाई समाधान के लिए प्रदेश में पहली बार ग्राउंड वाटर (मैनेजमेन्ट एंड रेगुलेशन) एक्ट-2019 लागू किया गया है। इस अधिनियम के लागू होने से जलसंरक्षण में तेजी आएगी। बढ़ रहा जल प्रदूषण भी रोकने में यह काफी सहायक होगा। इस एक्ट के अर्न्तगत सभी सरकारी, अर्धसरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कार्यालयों एवं निजी क्षेत्रों की संस्थाओं को भी अपने परिसर में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अनिवार्य रूप से स्थापित करानी होगा।

उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत संकटग्रस्त क्षेत्रों को चिह्न्ति करते हुए भूजल प्रबंधन के प्रावधान किए गए हैं। इसके साथ ही यह भी व्यवस्था की गई है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी भी प्रकार से भूजल, नदी, तालाब, पोखर को प्रदूषित न करे।

निदेशक ने बताया कि अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन और खासतौर से भूजल अथवा सतही जल को गन्दा करने वालों के खिलाफ सजा के प्रावधान हैं। मौजूदा समय में अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के समयबद्घ रूप से क्रियान्वयन के लिए नियमावली तैयार हो रही है।

Created On :   18 Oct 2019 8:30 AM GMT

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