टैक्स चोरी : सरकार की रडार में 65 लाख चोर, NMS कसेगा शिकंजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के विकास में भागीदार बनने के लिए केंद्र सरकार लोगों को टैक्स जमा करने के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरुक करने के लिए अभियान चला रही है। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान टैक्स भरने वाले लोगों की संख्या में और केंद्र सरकार के राजस्व में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। मगर अब भी भारत में टैक्स चोर ज्यादा कम नहीं हुए हैं। भारत सरकार की रडार में अब भी 65 लाख लोग हैं, जिन पर शक है कि उन्होंने अपनी रिटर्न फाइल नहीं की है। अब सरकार नॉन-फाइलर्स मैनेजमेंट सिस्टम (NMS) के माध्यम से इन चोरों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
बता दें कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सरकार को डॉयरेक्ट टैक्सेज के रूप में 1. 5 लाख करोड़ रुपए अधिक टैक्स की प्राप्ति हुई थी। फिलहाल केंद्र की मोदी सरकार को उम्मीद है कि टैक्सपेयर बेस बढ़कर 9.3 करोड़ से ज्यादा होगा। फिलहाल खबर मिली है कि सरकार अभी इस टैक्सपेयर बेस को और बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसी के चलते उसने इन 65 लाख लोगों को अपनी रडार में ले लिया है, जिन पर कभी भी मुसीबत की तलवार गिर सकती है।
गौरतलब है कि टैक्सपेयर बेस में वे लोग तो शामिल होते ही हैं, जो सीधे रिटर्न फाइल करते हैं। इसके अलावा टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस), टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस), अडवांस टैक्स पेमेंट्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स और पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान डिविडेंट डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स देने वाले लोग भी शामिल हैं।
NMS कसेगा शिकंजा
नॉन-फाइलर्स मैनेजमेंट सिस्टम (NMS) के तहत उन लोगों का पता लगाने के लिए कई डेटा सोर्सेज का सहारा लिया जाता है, जिनकी आमदनी टैक्स योग्य है, लेकिन टैक्स नहीं देते हैं। भारत सरकार ने कुछ संभावित टैक्स पेयर्स को NMS के जरिए टारगेट करने का प्लान बनाया है। NMS के इस्तेमाल से टैक्स डिपार्टमेंट को टैक्सपेयर बेस बढ़ाने में पिछले कुछ सालों में सफलता मिली है। इस टेक्निक ने उन लोगों पर भी शिकंजा कसा है, जिन्होंने अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है। मगर उन लोगों ने पुराने 500 या 1,000 रुपए के 10 लाख रुपए या इससे ज्यादा रुपए बैंक में जमा किए हैं।
Created On :   30 April 2018 9:24 AM GMT