भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के लिए होगी अगली जंग!

India pakistan war for drinking water in kashmir area on neelum river
भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के लिए होगी अगली जंग!
भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के लिए होगी अगली जंग!

डिजिटल डेस्क, मुजफ्फराबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के बाद से ही कश्मीर क्षेत्र एक बड़ा मुद्दा रहा है। इस क्षेत्र में मीठे पानी के लिए अब एक और जंग का जन्म होता दिखाई दे रहा है। कश्मीर में हजारों की संख्या में मजदूर दिन रात हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रॉजेक्ट्स की खुदाई के लिए लगे रहते हैं। इसी इलाके में ताजे पानी के संकट से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान में ज्यादा से ज्यादा जल का रुख अपनी ओर मोड़ने की होड़ अब और भी तेज हो गई है।

इस क्षेत्र में बहने वाली नीलम नदी पर दोनों देशों के बीच ताजे पानी को कब्जाने के लिए जंग चल रही है। किशनगंगा कही जाने वाली नीलम नदी तिब्बत से निकलती है और कश्मीर के रास्ते पाकिस्तान जाती है। पाकिस्तान के पंजाब सूबे समेत बड़े इलाके की 65 फीसदी पानी की जरूरत नीलम नदी के जल से ही पूरी होती है। नीलम नदी का जल अंतत: एशिया की सबसे लंबी नदी सिंधु में जाकर मिलता है, जो दोनों देशों की संवेदनशील सीमाओं को तय करने का काम करती है।

दोनों ही देशों की तेजी से बढ़ती आबादी के चलते जल संसाधन सिमट रहे हैं और उन्हें कब्जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दोनों देश यहां नीलम या किशनगंगा नदी पर बड़े से बड़े पावर प्लांट्स स्थापित करने में जुटे हैं। ये प्रॉजेक्ट्स भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का एक और कारण बने हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल के दोनों ओर दो प्रॉजेक्ट्स पूरे होने वाले हैं।

1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता

भारत और पाक के बीच 1960 में वर्ल्ड बैंक की अगुआई में सिंधु जल समझौता हुआ था। दोनों देशों के कड़वे इतिहास को देखते हुए यह शांतिपूर्ण समझौता बेहद अहम माना जाता है। इस समझौते के तहत भारत के पास व्यास, रावी और सतलुज नदी के पानी का अधिकतम हिस्सा है, जबकि पाकिस्तान के पास सिंधु, चेनाब और झेलम नदी के पानी के इस्तेमाल का अधिकार है।

Created On :   17 Dec 2017 12:55 PM GMT

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