धोनी का तजुर्बा और चतुराई, फिर टीम को जीत दिलाई

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धोनी का तजुर्बा और चतुराई, फिर टीम को जीत दिलाई
धोनी का तजुर्बा और चतुराई, फिर टीम को जीत दिलाई

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कहा जाता है कि क्रिकेट एक ऐसा खेल है कि आप आखिरी बॉल तक इसका नतीजा नहीं निकाल सकते। लोग मैच की शुरुआत में हार-जीत का बस अंदाजा ही लगा सकते हैं, लेकिन दावे के साथ कोई फैसला नहीं सकते क्योंकि इस खेल में सबकुछ फेल हो जाता है। ऐसा ही कुछ गुरुवार को इंडिया-श्रीलंका के दूसरे वनडे में हुआ। एक तरफ भारतीय फैंस ने जीत की आस छोड़ दी थी, तो वहीं श्रीलंका में जीत का जश्न शुरु हो गया था। लेकिन आखिरी में जो हुआ वो किसी चमत्कार से कम नहीं था। टीम इंडिया जब 237 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी तो उसकी शुरुआत काफी अच्छी था और माना यही जा रहा था कि इंडिया इस मैच को आसानी से जीत लेगी, लेकिन जब इंडिया को पहला झटका लगा तो फिर टीम इंडिया की पारी ताश के पत्तों की तरह ढहती चली गई। टीम इंडिया ने सिर्फ 22 रनों में 7 विकेट गंवा दिए। लेकिन इसके बाद टीम को संभाला पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने। ये धोनी का अनुभव ही था जो इस मैच में काम आया और उन्होंने भुवनेश्वर कुमार को भी बार-बार गाइड किया। इसी के साथ धोनी ने आलोचकों का मुंह भी बंद कर दिया। 

चुपचाप जीत की तरफ बढ़ते चले धोनी

महेंद्र सिंह धोनी की ये पारी ऐसी थी, जिसमें ज्यादा छक्के-चौकों की बारिश नहीं थी। बेहद शांति से और चुपचाप से धोनी रन बनाते रहे और टीम इंडिया को जीत की तरफ बढ़ाते चले गए। इसी का नतीजा था कि उन्होंने भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर 100 से ज्यादा रनों की पार्टनरशिप की। आपको बता दें कि टीम इंडिया के लिए 8वें विकेट के लिए ये अब तक की सबसे बड़ी पार्टनरशिप थी। 

भुवनेश्वर को हर एक रन के बाद समझाया

धोनी को लेकर ये बात तो हम सभी जानते हैं कि वो जूनियर खिलाड़ी को हमेशा मौका देते हैं। कई बड़े मैचों में धोनी अपने साथी बल्लेबाज को समझाते दिखे हैं। इस मैच में भी यही हुआ। धोनी एक रन बनाते और भुवनेश्वर कुमार के पास जाकर उन्हें समझाते रहते। वो धोनी ही थे, जिन्होंने भुवनेश्वर कुमार को अच्छा खेलने के लिए मोटिवेट किया। क्योंकि जब श्रीलंकाई गेंदबाजों के आगे धुरंधर न टिक सके तो फिर भुवनेश्वर क्या चीज थे? लेकिन उसके बाद भी भुवनेश्वर ने अच्छा खेला और 80 बॉल में 53 रन बनाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई। 

मैच की "ट्रिपल सेंचुरी" से बस 2 कदम दूर

इंडियन टीम के फॉर्मर कैप्टन महेंद्र सिंह ने गुरुवार को अपने वनडे करियर का 298वां मैच खेला और वो 300 मैच पूरे करने से बस 2 मैच दूर हैं। इसके अलावा धोनी 298 वनडे में अब तक 9541 रन बन चुके हैं। इसके साथ ही धोनी 208 छक्के जड़ चुके हैं। 

स्टंपिंग के शतक से भी एक कदम दूर

धोनी की विकेटकीपिंग की तो पूरी दुनिया दीवानी है। जब भी कोई बैट्समैन बैटिंग करने उतरता है तो उसका ध्यान शायद बॉलर से ज्यादा धोनी पर रहता होगा। धोनी ने स्टंपिंग के मामले में वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर चुके हैं। धोनी अब तक 298 वनडे में 99 स्टंपिंग कर चुके हैं और इतनी ही स्टंपिंग का रिकॉर्ड श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा के नाम भी है। अब धोनी को बस एक स्टंपिंग और करना है और वो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना देंगे, इसके साथ ही वो स्टंपिंग का शतक भी लगा देंगे। 

Created On :   25 Aug 2017 6:16 AM GMT

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