इंडियन नेवी ने कहा "पूर्वी हिंद महासागर में नहीं दिखे चीनी जंगी जहाज"

Indian navy has rejected news of China warship in Indian Ocean
इंडियन नेवी ने कहा "पूर्वी हिंद महासागर में नहीं दिखे चीनी जंगी जहाज"
इंडियन नेवी ने कहा "पूर्वी हिंद महासागर में नहीं दिखे चीनी जंगी जहाज"

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन ने क्षेत्रीय ताकत में बड़े बदलाव करते हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया को मालदीव से दूर रखने के लिए अपने युद्धपोत हिंद महासागर में तैनात किए हैं। हालांकि भारतीय नौसेना ने पूर्वी हिंद महासागर में चीनी युद्धपोत भेजे जाने की खबर को खारिज कर दिया है। बताया जा रहा है कि चीन ने पूर्वी हिंद महासागर में 11 युद्धपोतों को भेजा है। चीन ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है,जब मालदीव में संवैधानिक संकट जारी है और वहां आपातकाल लागू है। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चीन समर्थक हैं, जबकि विपक्षी नेताओं ने संकट को लेकर भारत से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।

 


 

 

मालदीव में लगा है आपातकाल 

 

चीनी न्यूज वेबसाइट Sina.com.cn के अनुसार, 11 युद्धपोतों का दस्ता हिंद महासागर में दाखिल हो चुका है। इस दस्ते में एक 30,000 टन वाला एम्फिबियस ट्रांसपोर्ट डॉक है और तीन सपोर्ट टैंकर शामिल हैं। गौरतलब है कि मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने एक फरवरी को पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी थी और नौ विपक्षी सांसदों की बहाली का आदेश दिया था, जिसके बाद सरकार ने संसद भंग कर दी थी। इसके बाद से मालदीव में आपातकाल लगा हुआ है।

 

 

आस्ट्रेलिया पर भी पड़ेगा असर

 

अगर चीन ने वाकई में युद्धपोत की तैनाती की है तो उसका मकसद भारत को विवादों में उलझे मालदीव प्रायद्वीप से दूर रखना है। मालदीव पर चीन काफी समय से अपना दावा करता रहा है। युद्धपोत की तैनाती का असर आस्ट्रेलिया के ऊपर पड़ने की भी संभावना है। नौसेना की तैनाती में हालांकि नया कुछ भी नहीं है। सदियों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्चस्व कायम करने के लिए नौसेना का इस्तेमाल किया जाता रहा है। चीन ऐसे ही दक्षिण महासागर पर भी अपना कब्जा जमाए हुए है। जहां पर उसने 7 मैनमेड आइलैंड तैयार कर लिए हैं।

 

 

भारत-चीन के बीच टकराव का नया कारण


हालांकि हिंद महासागर में स्थित मालदीव में मौजूदा संकट भारत और चीन के बीच टकराव का नया कारण बनता जा रहा है। मालदीव फिलहाल संवैधानिक संकट का सामना कर रहा है। एक आधुनिक विध्वंसक, एक फ्रिगेट, एक हमलावर जहाज और एक सहायक टैंकर के साथ चीनी नौसैनिक बल ने पिछले हफ्ते हिंद महासागर में प्रवेश किया। चीन पूरे आत्मविश्वास के साथ क्षेत्र के मामले में अपनी मौजूदगी का एहसास कराना चाहता है। अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों का इस मामले पर मानना है कि चीनी नौसेना की तैनाती भारत को हस्तक्षेप करने से रोकने के लिए की गई है। इस छोटे से द्वीप के लिए चीन के पास बड़ी योजनाएं हैं और वह स्थानीय लोगों को इसमें नहीं शामिल करना चाहता है।

Created On :   21 Feb 2018 2:46 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story