नेवी ने रखा 10 कामोव-31 चॉपर के अधिग्रहण का प्रस्ताव, रूस से 3500 करोड़ में होगी डील

नेवी ने रखा 10 कामोव-31 चॉपर के अधिग्रहण का प्रस्ताव, रूस से 3500 करोड़ में होगी डील

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन नेवी ने रूस से 10 कामोव-31 चॉपर के अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखा है। अपने एयरक्राफ्ट कैरियर और बड़े युद्धपोतों को हवाई खतरों से बचाने और क्षमताओं को मजबूत करने के लिए नेवी ने ये प्रस्ताव रखा है। बता दें कि नौसेना के पास पहले से ही 12 कामोव-31 चॉपर का एक बेड़ा है, जो खुले समुद्र में चलने वाले एरक्राफ्ट कैरियर और डिस्ट्रॉयर्स की रक्षा करता है। 

सरकारी सूत्र बताते हैं कि रक्षा मंत्रालय ने एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल चॉपर्स खरीदने के लिए 3,500 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। इन चॉपर की खास बात यह है कि वह काफी हल्के हैं और इन पर नियंत्रण रखना काफी आसान होता है। इसी के साथ ये दुश्मन पर सटीक निशाना लगाने में माहिर हैं। भारत की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए इन चॉपर में कुछ बदलाव भी किए गए हैं।

इसके अलावा इंडियन कोर्स गार्ड के लिए छह समुद्री निगरानी विमानों के अधिग्रहण को लेकर भी एक उच्च-स्तरीय रक्षा मंत्रालय की बैठक रखी गई है। ये समुद्री निगरानी विमान सी-295 एयरक्राफ्ट प्लेटफॉर्म पर आधारित है जो वायु सेना में एवरो ट्रांसपोर्ट विमानों को रिप्लेस कर सकते हैं।

एंटी-सबमरीन वॉरफेयर ऑपरेशन के लिए नौसेना के पास सीकिंग चॉपर्स के साथ-साथ रूसी कामोव-28 चॉपर का एक बेड़ा है, जो 1980 के दशक में खरीदे गए थे। भविष्य के संचालन के लिए इन्हें अपग्रेड किए जाने की आवश्यकता है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सैन्य आधुनिकीकरण की योजनाओं पर चुनाव का कोई प्रभाव नहीं आने दिया। रक्षा अधिग्रहण परिषद और कैबिनेट कमेटी सुरक्षाबलों के लिए महत्वपूर्ण अधिग्रहण को लेकर सिक्यॉरिटी मीटिंग नियमित रूप से की जा रही है।

नौसेना को मजबूत करने के लिए भारत ने हाल ही में 16 एंटी-सबमरीन का भी सौदा किया है। रक्षा मंत्रालय ने पब्लिक सेक्टर की शिपयार्ड कंपनी कोचीन शिपयार्ड से आठ एंटी-सबमरीन वाटर क्राफ्ट के लिए अनुबंध किया है। भारतीय नौसेना के लिए नयी एंटी सबमरीन शैलो वॉटर क्राफ्ट के लिए ये सौदा 6,311 करोड़ में हुआ है। 

Created On :   2 May 2019 7:31 PM GMT

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