अमेरिका बोला - ईरान पर प्रतिबंध के बाद तेल खरीदना भारत के लिए फायदेमंद नहीं

Indias decision on buying oil from Iran not helpful says US
अमेरिका बोला - ईरान पर प्रतिबंध के बाद तेल खरीदना भारत के लिए फायदेमंद नहीं
अमेरिका बोला - ईरान पर प्रतिबंध के बाद तेल खरीदना भारत के लिए फायदेमंद नहीं
हाईलाइट
  • अमेरिका सावधानी पूर्वक इसकी समीक्षा कर रहा है।
  • भारत की रूस के साथ S-400 डील और ईरान से तेल आयात को लेकर अमेरिका का बयान सामने आया है।
  • विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के लिए यह किसी भी तरह से मददगार नहीं होगा।

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। भारत की रूस के साथ S-400 डील और ईरान से तेल आयात को लेकर अमेरिका का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से दिए गए इस बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि भारत के यह किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं होगा। अमेरिका सावधानी पूर्वक इसकी समीक्षा कर रहा है। इससे पहले प्रसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का भी एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने भारत को देख लेने की धमकी दी थी।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नुअर्ट ने जब पूछा गया कि भारत अगर 4 नवंबर से ईरान पर लागू हो रहे प्रतिबंध के बाद भी तेल खरीदी जारी रखता है तो फिर अमेरिका क्या करेगा? इसके जवाब में नुअर्ट ने कहा, यह मददगार नहीं होगा। नुअर्ट ने कहा, दुनिया भर के कई सहयोगियों से तेल प्रतिबंध को लेकर बात की है। उन देशों को हमने अपनी नीतियां बहुत स्पष्ट कर दी है। नुअर्ट ने कहा, हमारा मानना ​​है कि देश एक साथ आ रहे हैं और दुनिया भर को ये पता होना चाहिए कि ईरान क्या कर रहा है?

हम जानते हैं कि ईरान और ईरान सरकार ने जॉइंट कॉम्प्रेहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) के तहत मिलने वाले फायदों को लिया है। लेकिन ईरान ने उस राशि का उपयोग जनता के लिए नहीं किया। ईरान ने इसका उपयोग विध्वंसक कार्यक्रमों के लिए किया। नुअर्ट ने कहा, स्टेट सेक्रेटरी माइक पॉम्पियो जब 2+2 डायलॉग के लिए पिछले महीने भारत गए थे तब 4 नवंबर पर लगने वाले अमेरिकी प्रतिबंध को लेकर भारत सरकार के साथ चर्चा की गई थी। 

बता दें कि अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने भी उन देशों को चेतावनी दी थी जो 4 नवंबर से लागू हो रहे अमेरिकी प्रतिबंध के बाद भी ईरान से तेल खरीदना जारी रखेंगे। ट्रंप की ये चेतावनी भारत के उस ऐलान के बाद आई था जिसमें कहा गया था कि भारत की दो कंपनियों ने नवंबर में ईरान से तेल खरीदने का ऑर्डर दिया है। ट्रंप ने सख्त लहजे में कहा था कि जो भी देश 4 नवंबर से लगने वाले प्रतिबंध के बाद इरान से तेल आयात को जीरो नहीं कर देते उन देशों को "हम देख लेंगे"।

इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक ईरान ने भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की है। भारत ने इसी साल ईरान से तेल आयात बढ़ाने का फैसला किया था जब ईरान ने भारत को करीब-करीब मुफ्त ढुलाई और उधारी की मियाद बढ़ाने का ऑफर दिया था। पहले अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान से व्यापारिक रिश्ते कायम रखने वाले मुट्ठीभर देशों में भारत भी एक था।

इसी साल मई 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 की न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी। साथ ही ईरान पर फिर से नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया था। यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू करने की घोषणा की थी। सात अगस्त को प्रतिबंध का पहला चरण लागू हो चुका है और चार नवंबर को दूसरा सेट लागू किया जाएगा।

Created On :   12 Oct 2018 2:14 PM GMT

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