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हक मांगना कर्मचारियों को पड़ा भारी, इंडिगो ने आंदाेलनकारियों को नौकरी पर नहीं रखा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी के डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर इंडिगो के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को अपना हक मांगना भारी पड़ गया। कर्मचारियों ने मूलभूत मांगों को लेकर आंदोलन किया था। इसके बाद जैसे ही कंपनी का ठेका खत्म हुआ तो इंडिगो ने कर्मचारियों से नमस्ते कर की। नए कांट्रेक्ट में 16 कर्मचारियों को नहीं रखा गया है, जिसमें 6 कर्मचारियों ने अपनी शिकायत केन्द्रीय उप मुख्य श्रम आयुक्त में की है।जानकारी के अनुसार विमानतल पर जेनस कंपनी इंडिगो को मैनपॉवर सप्लाई करती थी, जिसमें लोडर से लेकर ड्राइवर- कर्मचारी शामिल थे। इसमें कुछ कर्मचारी सालों से विमानतल पर काम कर रहे हैं, लेकिन 28 अगस्त 2017 को इन कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन से लेकर सामान्य सुविधाएं ना मिलने पर हड़ताल कर दी।
कर्मचारियों का आरोप है कि हड़ताल के बाद उनका 1 साल के लिए उनका वेतन 10 फीसदी बढ़ा दिया गया और फिर से वही स्थिति बन गई। पिछले दिनों जेनस कंपनी का ठेका पूरा होते ही इंडिगो के कुछ अधिकारियों ने पक्षपात करते हुए 16 लोगों को इंटरव्यू में भी शामिल नहीं होने दिया। इसके बाद मामले की शिकायत हमने केन्द्रीय उप मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय में रीजनल लेबर कमिश्नर तरुण कुमार सिंह से की। 3 तारीख होने के बाद भी जेनस कंपनी अब तक नहीं आई है। हैरानी की बात यह है कि सालों से काम कर रहे इन कर्मचारियों को बोनस, अन्य भत्ते और कटौती को मिलाकर 9200 रुपए वेतन दिया जाता है।
सालों से एयरपोर्ट पर कर रहे थे काम
ड्राइवर ओमेंश ठाकरे वर्ष 2007, ड्राइवर सूरज हाडके वर्ष 2012, ड्राइवर राजकुमार कटारे वर्ष 2016, लोडर धन्नजीत खलतकर वर्ष 2012, लोडर कुणाल राऊत वर्ष 2015, लोडर शशिकांत शेंडे वर्ष 2016 से विमानतल पर काम कर रहे है। राजकुमार को साक्षात्कार के लिए फार्म भरवाने के बाद ध्यान में आया कि आंदोलन में शामिल था तो उसका फार्म वापस ले लिया।
इन मांगाें के लिए था आंदोलन
न्यूनतम वेतन
नियमानुसार मिलने वाले अवकाश
भविष्य निधि
बोनस और सैलरी स्लिप
Created On :   28 Aug 2019 1:27 PM GMT