इंदिरा गांधी को फिरोज ने खाने की मेज पर कहा था फासीवादी

Indira gandhi centenary year festival in Anand Bhavan Allahabad
इंदिरा गांधी को फिरोज ने खाने की मेज पर कहा था फासीवादी
इंदिरा गांधी को फिरोज ने खाने की मेज पर कहा था फासीवादी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री और जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इस अवसर पर bhaskarhindi.com एक सीरीज के तहत आपको उनसे जुड़े कुछ अनकहे सच बता रहा है। आज पहली किश्त इंदिरा और पति फिरोज के रिश्ते के बारे में...

इंदिरा गांधी का अपने पति फिरोज गांधी के साथ रिश्ता काफी उलझा हुआ था। दोनों की लव स्टोरी किसी भी परिस्थिति में डगमगाती नहीं थी, लेकिन दोनों के बीच कहीं ना कहीं वैचारिक मेल बिल्कुल नहीं था। एक बार तो फिरोज गांधी ने खाने की मेज पर इंदिरा गांधी को फासीवादी तक कह दिया था, उस समय वहां ससुर जवाहर लाल नेहरू भी मौजूद थे।

इंदिरा चाहती थीं केरल में अपातकाल

बात उस दौर की है जब पूरे देश में कांग्रेस का एक तरफा राज हुआ करता था। इसी बीच साल 1959 में कम्यूनिस्ट पार्टी ने चौंकाते हुए केरल में अपनी पहली कम्यूनिस्ट सरकार बनाई थी। उस समय इंदिरा गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं। उन्होंने फैसला किया था कि केरल में चुनी हुई पहली कम्यूनिस्ट सरकार को पलट कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। इस बात से फिरोज गांधी बिल्कुल भी सहमत नहीं थे।

फिरोज ने इंदिरा को कहा फासीवादी

फिरोज गांधी अभिव्यक्ति की आज़ादी के बड़े समर्थक थे। यही कारण था कि एक दिन फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और जवाहर लाल नेहरू आनंद भवन में खाना खाने के लिए बैठे हुए थे। इसी दौरान मेज पर खाना खाते समय केरल में तख्ता पलट की बात उठी तो फिरोज ने इंदिरा को फासीवादी कह दिया था। इसके बाद भी एक स्पीच में इंदिरा ने लगभग आपातकाल के संकेत दे दिए थे।

फिरोज की मौत के बाद इंदिरा का खत

देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पति फिरोज गांधी के बीच तनाव तब शुरू हुआ जब इंदिरा अपने दोनों बच्चों को लेकर लखनऊ स्थित अपना घर छोड़ कर पिता के घर आनंद भवन आ गईं थी। दोनों के बीच प्यार तो था, लेकिन वैचारिक मतभेद भी थे। प्यार की दास्तां ये है कि फिरोज की मौत के बाद इंदिरा ने एक खत लिखा था। इस खत में उन्होंने लिखा था कि जब भी उन्हें फिरोज की जरुरत महसूस हुई वो उनके साथ खड़े दिखे।

संसद में इंदिरा ने कभी नहीं की फिरोज की तारीफ

इंदिरा और फिरोज के रिश्ते का एक कड़वा सच ये भी है कि अपने ससुर जवाहर लाल नेहरू के साथ फिरोज की बिल्कुल भी नहीं बनती थी। जवाहरलाल नेहरू अपने दामाद फिरोज से खुश नहीं थे, शायद यही कारण है कि इंदिरा गांधी ने भी कभी संसद में फिरोज के महत्वपूर्ण काम की तारीफ नहीं की। फिरोज गांधी की मौत के 15 साल बाद इंदिरा ने आपातकाल की घोषणा की और अपने पति के बनाए प्रेस लॉ को एक तरह से कचरे के डिब्बे में फेंक दिया।

Created On :   17 Nov 2017 6:45 PM GMT

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